Corruption

भष्टाचार 
************
नदी को जानने का,
दावा करने वाले,
अपनी अपनी बात कहते रहे,
और बड़ी-बड़ी योजनाएं,
बनाई गई,
इसमें सरकार का,
हर महकमा शामिल हुआ,
किसका हिस्सा कितना होगा,
ए दस्तूर सबसे जरूरी था,
जो देवता,
जिस चढ़ावे का हकदार था,
उसको उसका पूरा हक मिला,
उनके कपड़े और तरीके,
थोड़े अलग थे,
जैसा कि सबका,
अपना-अपना style होता है,
इनमें कुछ लोग,
अपने तरीकों से पर्यावरण,
मतलब नदी और पेड़ के लिए,
ज्यादा फोटोजेनिक थे,
यानी कि विशेषज्ञ थे,
ऐसे में यह लोग टीवी पर,
अपनी चिंता,
लगातार जाहिर कर रहे थे,
और दुनिया के सामने,
नई-नई समस्या रख रहे थे,
वैसे हम भी बहुत सालों से,
अपने पास बहने वाली नदी,
देखते आ रहे हैं,
मतलब जन्म से हमारा,
नदी से रिश्ता है,
वह कब कैसे बहती है,
ए तो हम सब को मालूम है,
हम नाव चलाते हैं,
हर पल नदी के साथ रहते हैं,
हमारे जीवन की डोर,
नदी थाम के रखती है,
हमारी रगों में,
हरदम नदी बहती है,
 एक माँ की तरह,
हमारी जिम्मेदारी उठाती है,
यह जिम्मेदारियां,
अब बढ़ती जा रही हैं,
यह उसे कमजोर बना रही है,
उसकी सांस उखड़ने लगी है, 
बढ़ती आबादी और इंसानी जरूरत,
हर चीज निगलती जा रही है,
धरती विरान होती जा रही है,
इसके बावजूद उसका देना,
अहर्निश वैसे ही चल रहा है,
जानते हैं,
दुनिया की सबसे कीमती चीजें,
जो हमारे,
जिंदा रहने की सबसे जरूरी शर्त है,
वह हमें प्रकृति,
एकदम इतनी सहजता से,
हम तक पहुंचा देती है,
उसके बेशकीमती होने का हमें,
कोई अंदाजा ही नहीं लग पाता,
 हवा, पानी और सूरज की रोशनी,
भला इनकी कीमत,
कौन चुका सकता है? 
सोचिए..
क्या इससे ज्यादा जरूरी,
और कीमती चीजें दुनिया में है,
सोच कर देखिए,
इस पर भी इंसानी फितरत,
का क्या कहना,
वह यही कहता है,
नाम और पैसा दोनों मिल जाए,
तो हर्ज क्या है??
फिलहाल नदी और इंसान,
दोनों को बचाने का,
कारोबार हो रहा है,
इस काम के लिये,
सरकारी महकमे में बहुत,
गुंजाइश है,
यह बैठक उसी की अंतहीन तैयारी है,
नदी और बाढ़ से जुड़ी,
योजनाओं का सबसे बड़ा फायदा,
जानते हैं क्या है?
सोचिए.. सोचिए
इसमें लोगों को,
अपने काम को ज्यादा दिन,
नहीं सहेजना पड़ता,
क्योंकि जैसे ही बाढ़ आती है
तो वास्तव में जो काम हुआ है,
या फिर नहीं हुआ है,
सबका एक ही हश्र होता है,
वह बाढ़ के साथ बह जाता है,
ऐसे में सरकारी तंत्र को,
सिर्फ बाढ़ का इंतजार करना पड़ता है,
इनका बस चले तो फाइलों में,
एक साल में ही,
न जाने कितनी बार बाढ़ आ जाए,
मगर अफसोस,
यह कमबख्त,
बाढ़ चोरी छुपे नहीं आती,
काश! यह सिर्फ फाइलों में आती,
तो सोचिए कितने बड़े-बड़े मकान,
और बन जाते,
और विकास में बाढ़ का योगदान,
और दिखाई पड़ता,
फिलहाल सभी महकमों ने,
अपने-अपने प्रस्ताव भेजे हैं, 
हर अफसर अपनी तरफ से,
पूरी कोशिश कर रहा है, 
फाइलों में बाढ़,
कैसे लाई जाए,
और देश को आगे बढ़ाने में, 
बाढ़ को लगाया जाए
RAJHANS RAJU
****************************

मेरा वाला गुंडा

*******************
⬅️(54)- Pagal     ➡️(52) Alvida
*******************
तेरी मौजूदगी का एहसास हर 
जगह समाया है, तूँ अलविदा 
कहकर कहाँ जा पाया है 
🙏🙏🙏🙏
*****
(53)
*****
➡️ (1) (2) (3) (4) (5) (6) (7) (8) (9) (10)
(11) (12) (13) (14) (15)
🌹🌹🌹❤️❤️❤️❤️🙏🙏🙏🌹❤️❤️🌹🌹


 कहने को कितना कुछ है, 
सुनने को तैयार लोग भी मिल जाएंगे, 
बात छोटी सी है, जो बड़ी मुश्किल है, 
बस कहने का तरीका आना चाहिए
©️Rajhansraju 




























































**********************
my You Tube channels 
**********************
👇👇👇



**************************
my Bloggs
************************
👇👇👇👇👇


*******************
⬅️(54)- Pagal     ➡️(52) Alvida
*******************
तेरी मौजूदगी का एहसास हर 
जगह समाया है, तूँ अलविदा 
कहकर कहाँ जा पाया है 
🙏🙏🙏🙏
*****
(53)
*****
to visit other pages
  (1) (2)  (4) (5) (6)  (8) (10)
🌹❤️🙏🙏🌹🌹
*************




*************
🌹🌹❤️🙏❤️❤️🌹🌹

Comments

  1. कुछ देर के लिए दुनिया का
    गुणा-गणित भूल जाएं
    दुनिया को खूबसूरत,
    निगाहों से देख पाएं,
    किसी के काम आए,
    इसी में सकूं पाएं,

    ReplyDelete

Post a Comment

स्मृतियाँँ

Cactus

Chaukhat

Darakht

an atheist

Fakir

The comedian

Parinda

Ram Mandir

The cage

The Traveller