The tree

दरख़्तों की दुनिया ******** गाँव छोड़कर बहुत दूर चला आया है आम का पेड़ बहुत याद आता है वह सोचता है गाँव वैसा ही होगा एक दूसरे के लिए खूब सारा वक्त होगा जबकि शहर ने कोई कसर छोड़ा नहीं है धीरे-धीरे सब कांक्रीट में बदल रहा है शहर के हाथ में गजब का जादू है जिसे छू लेता है वह पत्थर बन जाता है ए बोनसाई बन जाने में हम सबने हुनर दिखाया है अपनी ही दुनिया में अनाम होकर गमलों में न जाने क्या लगाया है ©️rajhansraju *********** (1) ******* जब किसी पौधे को कहीं और रोपा जाये वक्त का थोड़ा ध्यान रखा जाये कहीं धूप बहुत तेज तो नहीं है क्योंकि जब किसी को कहीं से जड़ से उखाड़ा जाता है तो उस जगह की मिट्टी पानी से जो नाता है वह भी तोड़ा जाता है यह बात किसी को भी सहज नहीं रहने देता है क्योंकि वह उनसे जड़ से जुड़ा होता है जड़ों से जुड़ने का मतलब वजूद से होता है वह उसी मिट्टी-पानी से बना है ऐसे में किसी और जगह जाते वक्त उसकी पत्तियां देखो कैसे मुरझा जाती हैं जैसे तैयार नहीं हों कहीं और जाने को एकदम बेबस कुछ कह नहीं पाती ऐसे में इस बात का ख्याल रखना जरूरी हो जाता है जब किसी प...