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Aahat

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आहट ****** * आवाज़ आहट की उसके, कुछ इस तरह आती है, हवा चुप-चाप छूकर गुज़र जाती है। उसके होने की तमाम निशानियाँ, बिखर जाती हैं, वह ख़ामोशी से जब कहीं से गुज़र जाती है, उसकी खुशबू अब तक यहाँ कायम है, तितलियाँ आकर यही बताती हैं, चिड़ियों ने चहचहाकर जो गीत गाया है, उसकी धुन से यह राग आया है, बंद आँखों से जो दुनिया दिखाई देती है, उसकी चाहत है, हर तरफ, एक आहट सुनाई देती है। rajhansraju  ***********************   (2) Tsunami  पल में ही,  ख़त्म हो गया सब कुछ , चिता जलाने को भी,  कम पड़ गए लोग । दफ़नाने को भी,  कहीं नहीं कोई , सारे पहचान,  हो गए ख़त्म । बस एक ही नाम मृत,  लाश बन गए सब लोग, जीवन कितना छडिक,  हर कोई भाग रहा है, कोई जीवन के लिए,  तो कोई म्रत्यु के डर से। पर ! सभी नाकाम, एक सा ही अंजाम, कोई इस पल,  तो कोई उस पल , इसी मिट्टी में मिल गया, बिना किसी नाम,  बिना किसी पहचान के, कुछ लोगों को,  न मिट्टी मिली,  न आग, वह काम आए,.  परिंदों के rajhansraju ******************* (3) बंधन क्या कहीं कोई आज़ाद है? सब कुछ एक नियम से