Kaal Chakr

काल चक्र 

********अतीत, वर्तमान को देखकर दुखी है, 
वह क्यों भविष्य के सपनों  में खोया है .
वक्त के हर लम्हे की यही कहानी है, 
वह आज से खुश नहीं,
उसके यादों और सपनों में,
कल से कल तक की दूरी समाई है. 
आज हर पल साथ होता है, 
अतीत और आगे की सिर्फ बातें हैं ,
वक्त फासलों को, 
लम्हों में तय करता है,
धीरे-धीरे सब बदल जाता है, 
हम कुछ नहीं समझ पाते.
यह आज जो कभी कल था,
बीता हुआ कल बन जाता है, 
कहने सुनाने की बातें हैं,
यादों में रह जायेंगी. 
कल, आज, कल में जो होना है, 
एक पल में हो जाता है ,
आदमी अफ़सोस करता, 
सोचता रह जाता है. 
वक्त शदियों का फासला, 
पल-पल में तय कर जाता है ..
©️rajhansraju 
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Magic 

मतलब जादू.. 

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पूरी दुनिया जादू से भरी है, 
पत्तों का रंग, 
फूलों की खुशबू, 
सब अजूबा है,
मकड़ी का जाला बुनना,
उसमे कीड़े का फंस जाना,
लाख कोशिशों का बावजूद, 
छोटी मकड़ी से हार जाना. 
तितली का फूलों से रंग लेना,
मधुमक्खी का रस चुराना. 
किसी जादूगर की ही कल्पना हैं,
जो ढेर सारे रंग भरता है,
अपने हाथों नई-नई रचनाएँ करता है, 
कभी किसी पर्वत से, 
नदी बह पड़ती है,
खेलते कूदते, 
समुन्दर तक पहुँच जाती है. 
थोड़ी गर्माहट और ठण्ड हो,
इसके लिए ढेर सारी बर्फ और रेत है. 
धरती को हर रंग से भर दिया.
ढेर सारा पानी, 
पेड़-पौधे, और ज़मीन दिया, 
हर कोने को अलग पहचान दी.
इसके लिए रंग बिरंगे, 
जीवों की पूरी सौगात दी, 
वह अपनी कल्पना के रंग, 
भरता रहा.
जीवों और पौधों को, 
उन्नत करता गया, 
अपनी शानदार रचना देखकर, 
खुश होता रहा;
इस ख़ुशी में एक भूल कर गया, 
न जाने क्यों?
 इन्सान को अक्ल दे दिया.     
©️rajhansraju 
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Black Hole 

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चाहता था कहूं रुक जाओ, 
पर कहा नहीं
छूने को अक्सर सोचता था,
पर छुआ नहीं
धरती से आसमान को देखता था ,
वह नीला, काला, खामोश था. 
धरती अपनी जगह थी, 
आसमान भी ऐसा ही था
न एक दूसरे को छुआ, 
न कुछ कहा, 
धरती आसमान की गोद में घूमती रही
सूरज का चक्कर लगाती रही, 
आसमान यूँ ही देखता रहा .
अनंत काल से, 
धरतियों को, 
सूरज की परिक्रमा करते हुए .
सदियाँ पता नहीं कब बीत जाती हैं, 
देश काल की अनंत यात्रा में .
सब कुछ शून्य ही रह जाता है,
जहाँ से शुरू हुआ था, 
आज भी सब वहीँ हैं.
आसमान साक्षी है, 
हजारों सितारों का. 
शून्य से उत्पन्न होकर, 
उसी में खो जाने का
ब्लैक होल में विलीन हो जाना, 
सितारों की यात्रा है
मनुष्य जैसी रिक्तता, 
आसमान में भी है 
सब पूरा करने, 
पाने की कोशिश में, 
हरदम कुछ रह जाता है,
यही रिक्तता, 
मानव का दुःख, 
आसमान का, 
ब्लैक होल बन जाता है...  
©️rajhansraju
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वक्त का पहिया

वक्त अगर, 
घड़ी की, 
सूइयों के साथ चलता 
या फिर पहिया बनके घूमता 
तो क्या होता?
हर आदमी 
अपने हिसाब से, 
उसको चलाता, 
कभी रोक लेता 
नहीं तो थोड़ा तेज कर देता, 
और उसकी हदें तय कर देता, 
अब तुमको यहीं ठहरना है, 
इसी पल में मेरे साथ रुके रहना है, 
वैसे भी मै, 
इसके आगे कहाँ जाना चाहता हूँ? 
तुम हर वक्त बदलने को, 
अपनी फितरत कहते हो, 
मैं तो तुम्हारे किसी एक पल में, 
सदा के लिए ठहरना चाहता हूँ, 
वो जो मेरे लिए, 
कुछ खास है, 
जिसे सहेजना चाहता हूँ, 
पर तुम कहाँ ठहरते हो, 
सदा चलते रहने की तुम्हारी आदत, 
मुझे पसंद नहीं है, 
तुम्हारे इस, 
न रुकने की जिद ने, 
मेरे लिए कितनी 
दुश्वारियां खड़ी की हैं, 
और तुम निःशब्द अपनी, 
गति से चलते रहे, 
दामन तो दूर, 
कभी उंगली भी नहीं पकड़ी, 
जबकि हर शख्स अकेला, 
इसी उम्मीद में है, 
शायद! 
कोई लम्हा, 
जिसे वह चाहता है  
क्या पता? 
कब? 
उसके लिए, 
ठहर जाए.. 
©️Rajhansraju 
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अमावस

******
घनघोर अंधेरे में 
जब एक ही रंग 
हर जगह भर जाता है 
एहसास के सिवा 
कुछ नहीं रह जाता है 
अभी अभी 
अंधेरे के सामने आया हूँ 
मैं हूँ और कोई नहीं है 
यह अंधेरा बहुत जरूरी है
जब खुद को देखना हो 
रोशनी में 
इतना कुछ सामने होता है 
क्या देखना है 
यह तय करना मुश्किल होता है
नजर सब आता है 
पर ठीक से कुछ, 
दिखाई नहीं पड़ता है 
यूँ ही दिन रात 
रोशनी में खोया रहता हूँ 
जब कि मैं तो 
अंधेरे में नजर आता हूँ
आज ऐसा ही हुआ 
मैं अपने मकां से बाहर 
रोशनी से दूर था 
आसमां देखा 
चांद छुट्टी पर था
आज अमावस है?? 
न जाने कितने सालों बाद 
खुले आसमान के साथ था 
रात का खूबसूरत अंधेरा 
देख रहा था 
वैसे भी एक दम अंधेरा 
संभव नहीं है 
कहीं ना कहीं 
कोई दिया टिमटिमाते रहता है
जो रास्ता दिखाता है 
और जब चांद 
एक दिन की छुट्टी पर जाता है
यह सितारे 
अपनी आदत नहीं छोड़ते 
लगता है जैसे
चांद की तलाश में निकले हैं 
आज चांद और सितारे 
नजर नहीं आ रहे 
कारी बदरी
हद से काली हुई जाती है 
आसमान का कोई और रंग 
नजर नहीं आता 
सारे दरख़्त एक जैसे दिखते हैं 
हर जगह अंधेरा पसर गया है 
मैं सोचता हूँ 
किस तरफ देखो 
आंख बंद करता हूँ
एक रोशनी नजर आ रही है 
उसी तरफ चलना है 
अब चलता हूँ 
वह दिया मिल गया 
जिसकी तलाश में निकला था
यह काम बहुत आसान था 
रोशनी से हटके 
अमावस से मिलना था
©️Rajhansraju 
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Comments

  1. हर तरफ उसी का जादू है

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  2. कहते हैं कब्र में सुकून की नींद आती है
    अब मजे की बात ए है की ए बात भी
    जिंदा लोगों ने काही है

    ReplyDelete
  3. तुम रोशनी लेकर
    यूँ रात में
    क्यों फिरते रहते हो
    भला कौन खो गया है
    जिसकी तलाश में
    अंधेरे से लड़ते रहते हो
    यह रोशनी कितनों को
    रास्ते पर ले आएगी
    इसका अंदाजा तो नहीं है
    मगर तुम कहां हो
    यह सबको बता देगी।

    ReplyDelete

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