Posts

Showing posts from 2011

post mortem

Image
 धरोहर ********* (1) मेरा पता *********** आज मैंने,  अपने घर का नंबर मिटाया है,  और गली के माथे पर लगा,  गली का नंबर हटाया,  और हर सड़क की,  दिशा का नाम पोंछ दिया है,  पर! अगर आपको,  मुझे जरूर पाना है,  तो हर देश के,  हर शहर की,  हर गली का द्वार,  खटखटाओ,  यह शाप है,  एक वर है,  और जहां भी,  आजाद रूह की झलक पड़े,  समझना वह मेरा घर है,  ।। अमृता प्रीतम।।  * ************************** (2) Postmortem   गोली खाकर  एक के मुंह से निकला- "राम" दूसरे के मुंह से निकला-  "माओ" लेकिन तीसरे के मुंह से निकला -  "आलू" पोस्टमार्टम कि रिपोर्ट है  कि पहले दो के पेट  भरे हुए थे.  (सर्वेश्वरदयाल सक्सेना) ******************************* (3) कहीं पे धूप की चादर बिछा के बैठ गए कहीं पे शाम सिरहाने लगा के बैठ गए । जले जो रेत में तलवे तो हमने ये देखा बहुत से लोग वहीं छटपटा के बैठ गए । खड़े हुए थे अलावों की आंच लेने को सब अपनी अपनी हथेली जला के बैठ गए । दुकानदार तो मेले में लुट गए यारों त

Yatharth

Image
  यथार्थ  ********* सुबह के वक़्त,  नुक्कड़ की दुकान पर,  काफी भीड़ थी,  कई रंगों के,  बैनर पोस्टर लिए लोग खड़े थे।  भरपूर नाश्ता किया,  दोपहर में,  कहीं और खाने का प्रबंध था,  शहर में एक दिन की मजदूरी,  कम से कम दो सौ रूपए है,  इससे कम में कोई तैयार न था,  जैसे तैसे साथ में , नाश्ते और खाने से बात बन गई,  बंद कराने की तयारी पूरी हुई, नए लाठी डंडे दिए  गए, कुछ नए नारे तख्तियों पर लिखे,  नेताजी ने क्रीज़ टाईट की,   कुछ ने कुरता-पजामा,  तो कुछ ने चमचमाती,   सफ़ेद पैंट शर्ट पहनी,  पैरों में बड़ी कंपनी का स्पोर्ट शू। मीडिया चौराहे पर तैनात है,  नेताजी का जलूस चल पड़ा,  कुछ ठेले, खोमचे वालों को हडकाया, साईकिल, रिक्शे से हवा निकाली,  कमज़ोर दुकानदारों की शटर गिराई, बड़ी दुकाने ज्यादातर इन्हीं की थी,  पास खड़ी गाड़ियों में,  इन्हीं का सामान था। चौराहे पर,  किसी सरकार का पुतला फूँका गया ?  वैसे यह पुतला,  सफ़ेद कुर्ता-पजामा,पहने था,  शायद नेताजी का ही पुराना कपड़ा था, उन जैसा ही था। फोटो खिचाई की रश्म,  बखूबी निभाई गई,  स