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Ram Mandir

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जय राम जी    कुछ ऐसा  जो खोया हुआ था  क्या, किससे कहें  न शब्द न आकार  कुछ भी नहीं  मेरे पास  अंदर कुछ खाली सा उसकी तलाश जारी रही  एक वेदना  सदा सताती रही  आज कुछ तो मिल गया तभी एक सुकून आया है  हलांकि घाव  अब भी काफी गहरा है उसी के भरने की प्रतीक्षा है  ©️Rajhansraju  ****** हमारी कहानी   मैं राम को अपने कैसे मानूं  यह मेरी इच्छा पर छोड़ दो  मैं अच्छा हूँ या बुरा  मेरी चर्चा छोड़ दो मैं जैसा भी हूँ  मुझको मेरे हाल पर छोड़ दो मुझमें थोड़ी कम अकल है या फिर समझ बड़ी है  मैं जय सियाराम कहूँ  या फिर जय श्री राम  मेरी मर्जी पर छोड़ दो मैं किस घट में ढूंढूंगा  या फिर कैसे  पहुँचुंगा उन तक  इसकी फिक्र मत करो  आज नहीं तो कल  मैं उनसे मिल लूंगा  कोई भी रूप सही  मेरी इच्छा होगी जैसी उनको कैसे भी गढ़ लूंगा इसकी फिक्र तुम मत करो  मैं अपना समझ लूंगा  यह बात  जो तुम समझा रहे हो  सच बोलो  क्या तुम समझ गए हो  या फिर ऐसे ही तुमने भी  एक दुकान खोल रखी है  और तुम भी  कुछ बेच रहे हो  अब तक ऐसे ही  कितनी बातें कही गई है  कुछ लोगों ने तो  न जाने क्या-क्या गढ़ दिया है  राम के बदले रावण को ही  जैसे अब पूजने ल

sanatana dharma

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टूलकिट  ******** चुनाव की तैयारी शुरू हो गई  नया टूल किट आ गया है  अब उसी की चर्चा है  कोई यूरोप, कोई अमेरिका में है  और वहीं से तैयारी कर रहा है  पहले से खतरनाक वाले,  नरेटिव गढ़ रहा है  पड़ोसी ने भी कमर कस ली है  उसकी funding बढ़ गयी है  अभी तक जो दशकों से सत्ता में थे  एक दशक में ही टूट गए हैं  उनके लोग  जो सभी पदों पर थे  धीरे-धीरे कहीं के  नहीं रह गए हैं  यही बात  सबसे ज्यादा खटक रही है  क्योंकि सारी इनकम  बंद हो गई है  किसी की गर्दन फंसी है  तो किसी की दुम दबी है  ED CBI पीछे पड़ी है।  सच्चे हो तो डर कहे का?  कैसे, कितना, कहां सा आया?  बस इतना ही तो बतलाना है  🌹🌹🌹🌹 🌹🌹🌹🌹 to visit other pages     (1)   (2)     (4)   (5)   (6)     (8)   (10) (11)   (12)   (13)     (15) (16)   (20)   (25)   (33)   (38)   (44)   (50) (60)   (65)   (70) (72)     (80) 🌹🌹🌹🌹 [हिन्दू धर्म ही सनातन धर्म है]  अजीब आदमी है  जो जैसे चल रहा था  उसमें रोड़ा बन गया है  सबकी जेब भर रही थी  और सरकार  मजे से चल रही थी  सारा आराम चल गया  जो जैसे चल रहा था  अब वैसा नहीं रहा।  हर वह आदमी बहुत दुखी है  जिसकी