Kamala Kant Shukla

 कमला कान्त शुक्ल 

की 

diary 

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मैं कमला कांत शुक्ल,

मूलतः आजमगढ़ का रहने वाला हूँ, 

प्रयागराज कर्मभूमि है,
मुझे त्रिवेणी का तट बहुत ही प्यारा लगता है 

यहाँ ऐसा लगता है जैसे मैं अपने दूसरे घर में हूँ 

क्योंकि वही अपनापन, स्नेह  और प्यार 

यहाँ भी महसूस होता है

यह शहर कभी बेगाना नहीं लगा 

क्योंकि मुझे.. 

यहीं कुछ बेशकीमती 

रिश्ते मिले 

जो जीवन पर्यन्त साथ रहेंगे

यही .. 

मेरा प्रयागराज है 

यहाँ की हर बात में
एक बात है,
यहां की गुनगुनी
धूप में भी एक बात है
यहां की ठंडी
छांव में भी एक बात है
यहां की गर्मी में एक बात है
यहां की बरसात में भी एक बात है।
यहां की हर बात में एक बात है।
यहाँ की सर्दियों में
एक बात है
यहां की बसंत में भी
एक बात है
यहां की हर बात में
एक बात है
©️KamalaKantShukla
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मेरे पूजनीय अम्मा और पापा
************
मै कह नहीं पाता आप से
कितना प्यार करता हूं
मैं कह नहीं पाता आपसे
आपके माथे की चिंता की लकीरें
मुझे किस कदर परेशान करती हैं
मैं कह नहीं पाता आपसे
आपकी छोटी सी मुस्कान
मेरा पूरा दिन बना देती है
मैं कह नहीं पाता आपसे 
मेरा जीवन कुछ भी तो नहीं
बिना आप के
मैं कह नहीं पाता आपसे
आप सिर्फ मेरे जन्म दाता ही नहीं
बल्कि मेरी जिंदगी हैं
मैं कह नहीं पाता आपसे
मुझे कुछ नहीं चाहिए दुनिया से
जब आप दोनों
मेरे आस पास होते हैं
मैं कह नहीं पाता आपसे
आपके बिना
मैं....
अपनी जिंदगी की कल्पना
नहीं कर पाता
मैं कह नहीं पाता आपसे
आप दोनों को
खोने से कितना डरता हूँ
मैं कह नहीं पाता आपसे
आप दोनों मेरी हिम्मत हैं
आप से ही मुझे ताकत मिलती है
मैं कह नहीं पाता आपसे
मैं नहीं जी पाऊंगा
आप दोनों के बिना
मैं कह  नहीं पाता आपसे
कभी कहीं एक दिन के लिए
आप दोनों घर से चले जाते हैं
घर कितना वीरान लगता है
मैं कह नहीं पाता आपसे
जब मैं किसी तकलीफ़ में होता हूँ
तो मन करता है
आपकी गोद में सर रखकर
जी भर रो लूँ
मैं कह नहीं पाता
अम्मा पापा आपने अपने
इस नालायक को कितना प्यार दिया
आज बहुत याद आ रही है
आप लोगों की
आज फिर मैं आपसे दूर हूँ
मैं कह नहीं पाता आपसे
आज फिर मैं कितना मजबूर हूँ
जब जब जन्म मिले
अम्मा पापा के रुप में
आप दोनों ही मिलें
मैं फिर आपके गोद में खेलूं
फिर मुझे आपका प्यार मिले
मैं कह नहीं पाता आपसे
आपके भीतर मुझे
मेरे भगवान दिखाई देते हैं
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
©️KamalaKantShukla
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तेरा मोल नहीं है 

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कितना प्रेम
कितना त्याग, कितना समर्पण?
इसका कोई मोल
कैसे लगा दूँ
हे स्त्री बता
मैं तेरी इन भावनाओं का
भला मैं क्या मोल दूँ
दादी-नानी की कहानियों ने
सपनों को सजाया
मां ने जन्म देकर
इस धरा पर बुलाया
फिर अपनी ममता के साए में
जीना सिखाया
बहन के दुलार ने
हमारी रोती आंखों को भी
मुस्कुराना सिखाया
पत्नी के प्रेम और समर्पण ने
हमें जीवन की मुश्किल राहों में
डट कर चलना सिखाया
हर पल हर घड़ी
तुम किसी न किसी रूप में
मेरे साथ रही खड़ी
अब तूँ ही बता
तेरे साथ का मैं क्या मोल दूं
इतना प्रेम, इतना समर्पण
सबकुछ अनमोल है
जिसने मुझको गढ़ा है
जिससे मैं हूँ
किस भी चीज का तेरे
मैं मोल कर सकूं
ऐसा कोई तोल नहीं है
©️KamalaKantShukla

एक बिटिया

एक छोटी सी प्यारी सी 

नन्ही सी बिटिया
माता की गोद में 

पापा के कंधे पे 

इठलाती है बिटिया
हंसती मुस्कुराती 

तुतलाती हुई बिटिया
भैया से लड़ती झगड़ती 

प्यार करती है बिटिया
अपार स्नेह प्यार  संमदर सा 

समेटे हुए बिटिया
कभी बहन कभी मां 

पत्नी,दादी,नानी बनकर 

सृष्टि को कई रुपों में 

रचती है बिटिया
लक्ष्मी भी है, सरस्वती भी है, 

दुर्गा भी है 

कभी मां काली है बिटिया।
खुद को बिखेर कर 

परिवार को संवारती है बिटिया
पुरुष कुछ भी नहीं 

तुम उसके बिना 

तुम्हें जन्म देकर पाली है बिटिया
उसके प्रेम को स्नेह को फिक्र को 

महसूस करो
इस धरा को स्वर्ग 

बनाती है बिटिया
दरिंदों से हार गई आज 

फिर मार दी गई 

एक हंसती 

मुस्कुराती हुई बिटिया
एक छोटी सी प्यारी सी 

नन्ही सी बिटिया


©️KamalaKantShukla
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मेरे पापा 

मेरे द्वारा लिखित पंक्तियां
कर्म पथ पर चल रहा हूं 

मैं पिताजी
आपका ही तो अंश हूं 

मैं पिताजी।
आपने ही सीखलाया 

मुझे मानवता की सेवा करना
आपके सीखलाए पथ पर 

चल रहा हूं मैं पिताजी
आंख में अश्रु भरें हैं 

हृदय द्रवित हो रहा
मन मेरा 

मन में ही रो रहा है पिता जी
देश पर आ पड़ी है विपदा 

एक महामारी बनकर 

उस महामारी से लोगों को 

बचाने की कोशिश कर रहा हूं 

मैं पिताजी।
लोग भूखे असहाय और मजबूर हैं 

सुनकर समस्या लोगों की 

समस्या दूर करने का प्रयास कर रहा हूं 

मैं पिताजी।
सीखा हूं आप से ही 

कठिन से कठिन परिस्थितियों में 

अपने कर्त्तव्यों का पालन करना
जब देश को जरूरत हो मेरी 

देश के लिए खड़ा रहना
आपकी दी हुई शिक्षा का 

पालन कर रहा हूं मैं पिताजी
संकट में पड़ा है देश मेरा 

देश की सेवा कर रहा हूं 

मैं पिताजी

आपके सीखलाए पथ पर 

चल रहा हूं 

मैं पिताजी


(हमारे उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री 

श्री योगी आदित्यनाथ जी 

अपने कर्त्तव्यों के निर्वहन के कारण 

अपने पिता जी का अंतिम दर्शन नहीं कर पाए,
ऐसे पुत्र के लिए मेरे कुछ शब्द)
©️KamalaKantShukla
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दोस्त
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जब कभी उदास होना
किसी दोस्त के पास बैठ जाना तुम
वो तुम्हें देखकर मुस्कुराए
उसे देखकर मुस्कुराना तुम
जिंदगी की कठिनाईयों में उलझोगे
तो बिखर जाओगे
साथ होगा अगर दोस्त तो
गिरकर संभल जाओगे
बनकर सहारा एक दूसरे का
दोस्ती के रिश्ते निभाना तुम
वो तुम्हें देखकर मुस्कुराए
उसे देखकर मुस्कुराना तुम
जब कभी उदास होना
किसी दोस्त के पास बैठ जाना तुम
बहुत लंबा है सफर जिंदगी का
यूं तन्हा न कट पाएगा
कोई साथ होगा तो
मुश्किलों में भी मजा आएगा
लड झगड़ कर भी साथ चलते जाना तुम
वो बन जाए कश्ती तुम्हारी
उसकी पतवार बन जाना तुम
वो तुम्हें देखकर मुस्कुराए
उसे देखकर मुस्कुराना तुम
जब कभी उदास होना
किसी दोस्त के पास बैठ जाना तुम
©️KamalaKantShukla
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जिंदगी का सफर
****************'
एक लंबा सफर है
जिंदगी....
नन्हें नन्हें क़दमों से लेकर
बड़े और फिर कमजोर होते क़दमों तक
बस चलते जाने का नाम हैं
जिंदगी...
कहां से चले थे कहां पहुंचना है
एक अनजान सफर है
जिंदगी..
इस रास्ते में मिलते हैं
कई अनजाने मोड़
जो कभी रुलाए
फिर कभी हंसाने का नाम है
जिंदगी...
मिलते हैं कई हमसफ़र
इन राहों में
कुछ देर साथ चलकर
सफर को सुहाना बनाकर
अपनी मंजिल पर उतर जाते हैं
किसी से जुदा होने
नये हमसफ़र से मिलाने का नाम हैं
बस चलते जाने का नाम है
जिंदगी....
मेरे साथ चल तो रहे हो तुम
पता नहीं कब
तुम्हारी मंजिल आ जाए
पता नहीं किस मोड़ पर
बिछड़ जाओ
चाय की एक छोटी सी दुकान पर
दोस्तों के संग बैठकर घंटों
हंसने खिलखिलाने
मुस्कुराने का नाम है
जिंदगी...
उनके साथ बिताए लम्हों को
याद कर जीते जाने का नाम हैं
जिंदगी....
कभी अगर किसी मोड़ पर
याद आऊं तो
बेझिझक आवाज लगा लेना
लौट आऊंगा
क्यों कि
किसी हमसफ़र के बिना
तन्हा और बेजान है
जिंदगी...
बस चलते जाने का नाम हैं
जिंदगी....
©️KamalaKantShukla
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

दोस्ती
*******
जिंदगी चाहे जितनी
बिखरी क्यों न हो
तेरे साथ से
संवर जाने का नाम
दोस्ती....
गांव की पगडंडियों से लेकर
शहर की भीड़ भरी गलियों तक
तेरे साथ चलते जाने का नाम
दोस्ती..
ये दोस्ती सिर्फ शब्द नहीं
एक ख्वाहिश है
सारी उम्र तेरे साथ
गुजर जाने का नाम
दोस्ती...
जब कभी थक जाएं
चलते चलते मेरे दोस्त
तेरे साथ सुस्ताने का नाम
दोस्ती...
ग़म चाहे जितना बड़ा क्यों न हो
तेरे साथ बंट जाने का नाम
दोस्ती...
जिंदगी में रिश्तों की कमी नहीं
तेरे साथ
वो मीठी सी तकरार का नाम
दोस्ती..
एंड्रॉयड फोन के इस जमाने में भी
तेरे साथ कहीं घूम कर आने का नाम
दोस्ती..
भीगी सी आंखों में भी
एक मुस्कान ला दे
उस प्यारे से रिश्ते का नाम
दोस्ती..
तुफानों के समंदर में
जब पतवार हाथ से छूट जाए
फिर भी  जो किनारे पर ले आए
उस सहारे का नाम
दोस्ती.......
©️KamalaKantShukla
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यथार्थ 
पद पैसा और प्रतिष्ठा 

सबको एक जैसा बना देती है
दुनिया क्या चीज़ है 

यह आपको सिखा देती है।

ठोकरें गर पत्थरों से लगे तो 

फिर भी संभल जाएं हम
अपनों से लगी ठोकरें 

जमीन पर गिरा देती हैं।

कभी सायों की तरह 

जो साथ चला करते हैं
रोशनी की चमक अक्सर 

उनका साथ छुडा देती है

बसंती मौसम में 

पेड़ों की खूबसूरत कोंपले
पतझड़ में पेड़ों को 

बेनूर बना देती हैं।

यूं तो दुनिया में 

रिश्तों और दोस्तों की कमी नहीं होती
लेकिन खाली जेबें एक नई दुनिया से 

आपका परिचय करा देती है

रिश्तों के ढेर 

न इकठ्ठा कर अपने आस पास
एक छोटी सी चिंगारी 

कूड़े में आग लगा देती है।
पद पैसा और प्रतिष्ठा 

सबको एक जैसा बना देती है
मुफलिसी आपका परिचय 

एक नई दुनिया से करा देती है।


©️KamalaKantShukla
🌹🌹🌹🌹🌹🌹

प्रतियोगी छात्र 

सफलताओं की 

लाखों कहानियां होती है़
असफलताओं को 

कोई पूछता ही नहीं
त्याग तुम्हारा भी बड़ा था 

त्याग मेरा भी बड़ा था।
सब तुम्हारी सुनते हैं 

मेरी कोई सुनता ही नहीं
रातें तुम्हारी भी चार घंटे की थीं
रातें मेरी भी चार घंटे की थीं
सबको तुम्हारा जागना दिखता है 

मेरा जागना दिखता ही नहीं
कल तक जो 

तुमसे मिलने से भी कतराते थे 

तुम उनके आदर्श बने 

मैं कहां हूं कोई ढूंढता ही नहीं
सबकी निगाहों में 

प्यार है तुम्हारे लिए 

मुझे तो
अब प्यार से 

कोई देखता ही नहीं।
तन्हा बैठकर अक्सर सोचता हूं 

क्या कमी रह गई
तुम्हारा नाम छप गया

 मेरा छपता ही नहीं
कभी फुर्सत मिले 

दुनिया की भीड़ से 

मुझे भी याद करना
अक्सर दुनिया के 

नकली चकाचौंध में 

अपना कोई दिखता ही नहीं।
लोग अब तुमसे 

मिलने को बेताब रहते हैं 

मैं कहूं भी तो 

कोई साथ चलता  ही नहीं
कभी 

एक भीड़ सी रहा करती थी 

मेरे इर्द गिर्द 

मेरी असफलताओं ने 

मुझे तन्हा बना दिया 

सब तुम्हारा साथ पाना चाहते हैं 

मैं किसी को जचता ही नहीं।
सफलताओं की 

लाखों कहानियां होती हैं
असफलताओं को 

कोई पूछता ही नहीं।
©️KamalaKantShukla
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दुश्वारियां 

मत पूछ दुश्वारियां मेरी 

ऐ दोस्त
सुनकर तेरी आंख भर जाएगी
बड़े प्यार और जतन करके 

बनाया था रिश्तों को मैंने
मेरी जेब खाली होती गई  

मैं भीड़ में तनहा होता गया
सुनकर मुश्किलात मेरी 

तेरी आंख भर जाएगी
सुना था दुनिया में कीमत 

सिर्फ सिक्कों की खनखनाहट का है
और मुझ नादान को दंभ 

अपने रिश्तों पर था
आज सुनकर 

मेरे दंभ का परिणाम 

तेरी आंख भर जाएगी
मत पूछ दुश्वारियां मेरी 

ऐ दोस्त
सुनकर तेरी आंख भर जाएगी
देखते ही मुझे 

जो फैला दिया करते थे 

बाहें अपनी
अब देखकर मुझको 

बदल देते हैं राहें अपनी
पैसों की गरीबी से पहले 

रिश्तों से गरीब हो गया मैं
सुनकर मेरी गरीबी की दास्तां 

तेरी आंख भर जाएगी।
दुनिया की हकीकत से 

जब रुबरु हुआ मैं
तब कहीं जाकर अपनों में 

बेआबरू हुआ मैं
मत पूछ दुश्वारियां मेरी 

ऐ दोस्त
सुनकर 

मेरे बेआबरु होने की दास्तां 

तेरी आंख भर जाएगी

©️KamalaKantShukla
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हकीकत 

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जिंदगी को 

जितना आसान समझता था 

उतनी आसान नहीं
मंजिलें तो मिल ही जाएंगी 

लेकिन लगता है 

पैरों में अब 

वो पहले वाली जान नहीं
रात हो चुकी है 

काली और घनी
मन कहता है  

अब होने वाली जल्दी 

अजान नहीं
मंजिलें तो मिल ही....
दुनिया की भीड़ में 

मुस्कुराने का सबक 

सीख लिया हमने
मगर चेहरे पर 

वो पहले वाली मुस्कान नहीं
मंजिलें तो मिल ही.............
साथ दोस्तों के 

कब बीत गए 

पल उम्र के सुहाने 

पता ही न चला
आज जब बिछड़े 

दोस्तों से तो लगा 

पहली बार
जिंदा तो हैं मगर शरीर में 

जैसे जान नहीं।
मंजिलें तो मिल ही जाएंगी
लेकिन लगता है 

पैरों में अब 

पहले वाली जान नहीं।
©️KamalaKantShukla
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अबे सुन 

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बहुत महंगी पड़ेगी
मुझसे दुश्मनी
ए दोस्त
मुझे दोस्त अपना बना कर रखना
साथ मेरे चलना
साथ मेरे रुकना
तुम अकेले
दौड़ जाने की कोशिश ना करना
मुझे दोस्त अपना बनाकर ही रखना
साथ मेरे ही हंसना
साथ मेरे ही रोना
कभी तुम अकेले
आंसू छलकाने की कोशिश ना करना
मुझे दोस्त
अपना बनाकर ही रखना
कभी रूठ जाओ
तुम्हें मैं मनाऊं
जब मैं रूठ जाऊं
मुझे तुम मनाना
मगर रूठ कर
दूर जाने की कोशिश ना करना
बहुत महंगी पड़ेगी मुझसे दुश्मनी
मेरे दोस्त मुझे दोस्त
अपना बनाकर ही रखना
मैं तुम्हें देखकर मुस्कुराओ
तुम मुझे देख कर मुस्कुराना
साथ  यूं ही चलता रहे
साथ यूँ ही निभाना
मुझे दोस्त अपना बनाकर ही रखना
बहुत महंगी पड़ेगी मुझसे दुश्मनी
दोस्त मुझे दोस्त
अपना बना कर ही रखना
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Comments

  1. शुक्ल जी ने अपनी डायरी के पानने हमसे साझा किया इसके लिए धन्यवाद

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