The comedian
भारत के जोकर
ई हमरे भारत के लाल हैं
एजेंडा पर सवार हैं
टूल किट का कमाल है
वैसे तो हैं
प्रवक्ता किसी के
पर कहते है
खुद को निष्पक्ष
उदार है
सेक्यूलर हैं
लोकतंत्र के प्रहरी
स्वतंत्र आवाज़ के पैरोकार हैं
कलाकार हैं
कथित पत्रकार हैं
सिनेमाई अंदाज है
कहानी कविता का
यही इनके आधार है
बेंच लेते हैं बढ़िया से
अच्छे दुकानदार हैं
ई हमरे भारत के लाल हैं
जब से नयी सरकार बनी है
इनकी मर्जी नहीं चली है
जिसको ए चाहते थे
जनता ने उसको नहीं चुना है
तभी से लोकतंत्र खतरे में है
यही गाना गा रहे हैं
न जाने किससे आजादी मांग रहे हैं
ए सी मंच है
फाइव star होटल है
गरीब किसान की चिंता वाली
यहीं आवाज बुलंद है
लाइक view का चक्कर है
Social network पर
बहुत बड़ा business है
बबुआ शातिर है,
बबुनी बड़ी माहिर है
पैसा कमाने की
यहां बड़ी गुंजाइश है
बदले ज़माने के साथ
सबको बदलना है
बाजार की ताकत
ऐसे ही समझना है
Skill कितना जरूरी है
यह बात इन्हीं से सीखनी है
जो बिके बाजार में
वह खेती करनी है
अपनी कीमत तुमको
अपने हुनर से तय करनी है
ई हमरे भारत के होनहार हैं
भारत माता के लाल हैं
कुछ दिन आराम किया
विदेश यात्रा किया
शांति देश में छाई रही
तभी किसी राज्य में
चुनाव का समय आ गया
फिर शुरू हो गई कहानी
किसान परेशान है
युवा बेरोजगार है
शिक्षा बेकार है
सरकार दमनकारी है
बोलने की आजादी नहीं है
स्वतंत्रता की दरकार है
कहीं भी कुछ भी
इनको अच्छा नजर नहीं आता है
किसी और का एजेंडा चलाना
इनके धंधे का आधार है
दावा करते लोकतंत्र के
यही अकेले पहरेदार हैं
जब हार गया नेता इनका
और इनकी पार्टी हार गई
अब यह वाला नॉरेटिव है
जाति धर्म का ध्रुवीकरण है
जनता ही बेकार है
हालांकि इसी आधार पर
वोट इन्हें भी मिलता है
जबकि जनता खेल समझ गई
मूर्ख बनाना ही तुम्हारा धंधा है
और तुम बेकार हो
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वह जो चाहे वही हो
वह जो कहे उतना ही हो
ऑनलाइन धंधा है
अच्छा है
किसी पगडंडी पर जाए बगैर
बस किस्सागोई करना है
वह शतिर है बड़ा व्यापारी है
बौद्धिक बाजार का बनिया है
क्या बिकता है
उसको अच्छे से मालूम है
गरीब बेचारे की कहानी
भला किसको नहीं भाती है
देश बहुत बड़ा है अपना
हर हिस्से में मिल जाती है
हर गरीब विद्रोही हो
अपराध करने का हक हो उसका
सरकारी जमीन पर कब्जा करना
जायज माना जाए
पत्थरबाजी आगजनी
हथियार उठाने का अधिकार मिले
जाम करो हड़ताल करो
बंधक रखना शहर को अपने
इसको ही अधिकार कहो
माना धंधा है पुराना
तुम उसके विशेषज्ञ हो
गरीब महिला
बच्चे अल्पसंख्यक
Keyword तुम्हारे हैं
जब तथ्य तर्क से कमजोर रहो
और जनसमर्थन न मिल पाए
तब संविधान की बात करनी है
वह भी सिर्फ अधिकार की
कर्तव्य नहीं समझनी है
कौन भला असहमत होगा
इन भावुक बातों से
पर यह पूरा सच नहीं है
इसके पीछे कोई और एजेंडा है
बोलने की आजादी
तुम शोर मचा कर मांग रहे
तुम्हारे शब्द कुटिल हैं कितने
सबको समझ नहीं आते
साहित्य सिनेमा हथियार तुम्हारे
कौन अच्छा कौन बुरा है
सीधे नहीं कहते हो
धीरे-धीरे बच्चों के मन में
उनकी संस्कृति को लेकर
हीन भावना भरते हो
तुम्हारा सत्य चयनित है
सिर्फ आधा सच कहते हो
हिम्मत है तो पूरा कहो
क्यों किसी एक को
लक्षित करते हो
तुम्हारे शब्द बहुत अच्छे हैं
अच्छा मनोरंजन करते हो
क्षणिक अर्थ के अलावा
तुम शातिर मतलब रखते हो
खूब करो व्यंग्य
किसी को नहीं छोड़ना है
पर किसी नेता
पार्टी का प्रवक्ता नहीं बनना है
एक घटना एक जगह पर
क्यों तुमको दिखती है
बाकी की जब बात चले तो
क्यों पट्टी बंध जाती है
या तो यह घोषणा कर दो
खुद को निष्पक्ष कहना बंद कर दो
यह व्यापार तुम्हारा है
तुम किसके प्रवक्ता हो
सीधे-सीधे यह कह दो
लोकतंत्र है संविधान है
चुनकर सत्ता बनती है
स्वीकार करो इंतजार करो
जनता के बीच जाकर
तुम भी कुछ काम करो
चुन लेगी जनता तुमको भी
धैर्य रखो विश्वास करो
पर ऐसा कब होगा
और क्यों होगा
यकीन मानो
जब तेरे चेहरे में
उनको
अपना चेहरा दिख जाएगा
और जनता के बीच
बिना मुखौटा जाएगा
तूंँ पहले सच्चा बन जा
फिर
और नहीं कुछ करना है
बात बड़ी छोटी सी है
बगैर मुखौटा रहना है
©️ RajhansRaju
सेमर
सेमर का पेड़
चटख लाल हो गया है
गर्मी की आहट है
पतझड़ आ गया है
सेमर न जाने किस बात पर हंसता है
उसका हर फूल एक गुलदस्ता है
यह बात
क्या किसी को कहता है
यह रंग उसका अपना है
वह पेड़ है
किसी गमले का पौधा नहीं है
उसे सर्दी-गर्मी का बहुत तजुर्बा है
वह पेड़ है
पेड़ बनना इतना आसान नहीं है
न जाने कितने मौसम गुजर जाते हैं
अब तो गिनती भी नहीं करता
बस हर साल कुछ और बड़ा हो जाता है
पहले से ज्यादा पतझड़ के लिए
तैयार हो जाता है
इस बार मौसम अच्छा नहीं था
बरसात कम हुई
पानी की चाह में
तमाम चेहरे मुरझा गए
जिनकी जड़ें गहरी हैं
वो एकदम हरे-भरे है
मौसम एक से नहीं रहते
उनका भी तो अपना तरीका है
जिस पर उनका बस नहीं है
पेड़ की जड़े खुद की तलाश में
और गहरी जाएं
यह उसके लिए जरूरी है
उसकी हर टहनी पर
न जाने कितने फूल खिले हैं
चिड़ियों का घोसला है
संभलना-संभालना आसान नहीं है
यह हुनर
जड़ों की गहराई से आता है
वक्त लगता है
जड़ों को गहरे जाने में
पेड़ बनने में
ए भी मुसाफिरत है
यात्रा के सिवा कहीं कुछ नहीं है
दिन ढलने लगा था
मेरे सामने सेमर सुर्ख लाल
गुलदस्ता लिए खड़ा था
सेमर कि हंसी कुछ समझ आने लगी
उसका एक फूल मेरे हाथ में था
न जाने क्यों मैं भी
हंसने लगा
सुर्ख लाल होने लगा
😄😄😜😜😜
(सेमर/सेमल)
©️RajhansRaju
चटख लाल हो गया है
गर्मी की आहट है
पतझड़ आ गया है
सेमर न जाने किस बात पर हंसता है
उसका हर फूल एक गुलदस्ता है
यह बात
क्या किसी को कहता है
यह रंग उसका अपना है
वह पेड़ है
किसी गमले का पौधा नहीं है
उसे सर्दी-गर्मी का बहुत तजुर्बा है
वह पेड़ है
पेड़ बनना इतना आसान नहीं है
न जाने कितने मौसम गुजर जाते हैं
अब तो गिनती भी नहीं करता
बस हर साल कुछ और बड़ा हो जाता है
पहले से ज्यादा पतझड़ के लिए
तैयार हो जाता है
इस बार मौसम अच्छा नहीं था
बरसात कम हुई
पानी की चाह में
तमाम चेहरे मुरझा गए
जिनकी जड़ें गहरी हैं
वो एकदम हरे-भरे है
मौसम एक से नहीं रहते
उनका भी तो अपना तरीका है
जिस पर उनका बस नहीं है
पेड़ की जड़े खुद की तलाश में
और गहरी जाएं
यह उसके लिए जरूरी है
उसकी हर टहनी पर
न जाने कितने फूल खिले हैं
चिड़ियों का घोसला है
संभलना-संभालना आसान नहीं है
यह हुनर
जड़ों की गहराई से आता है
वक्त लगता है
जड़ों को गहरे जाने में
पेड़ बनने में
ए भी मुसाफिरत है
यात्रा के सिवा कहीं कुछ नहीं है
दिन ढलने लगा था
मेरे सामने सेमर सुर्ख लाल
गुलदस्ता लिए खड़ा था
सेमर कि हंसी कुछ समझ आने लगी
उसका एक फूल मेरे हाथ में था
न जाने क्यों मैं भी
हंसने लगा
सुर्ख लाल होने लगा
😄😄😜😜😜
(सेमर/सेमल)
©️RajhansRaju
अदालत
जज साहब पर्याप्त लोकप्रिय
और न्याय प्रिय हैं
उनके पास बड़ा मकान
महंगी गाड़ी फॉर्म हाउस है
बच्चे विदेश में पढ़ते हैं
बच्चे विदेश में पढ़ते हैं
किताब लिखते हैं बुद्धिजीवी हैं
उनके पास सिर्फ चेहरा नहीं है
मुखौटों की भरमार है
घर में आग क्या लग गई
घर में आग क्या लग गई
भीखमंगे नोट के बंडल
देख कर परेशान हैं
अरे भैया तुमको मालूम नहीं है
अरे भैया तुमको मालूम नहीं है
यही सामान्य है न्याय का आधार है
कानून का चमत्कार है
इस खेल में शामिल होने को सभी तैयार हैं
व्यापारी हैं इन्हें व्यापार आता है
कोई अफसर है
कोई नेता कोई ठेकेदार है।
तुम बड़े नाराज नजर आते हो
हिस्सा कम मिला क्या?
और ज्यादे कि दरकार है
©️RajhansRaju
वस्तुओं का
बेकार होने के बाद भी
उपयोग होता था।
भविष्य में कुछ काम आएगा
इसलिए कबाड़ और रद्दी
पूंजी की तरह सहेजी जाती थी
विनोद कुमार शुक्ल
(नौकर की कमीज)
बेकार होने के बाद भी
उपयोग होता था।
भविष्य में कुछ काम आएगा
इसलिए कबाड़ और रद्दी
पूंजी की तरह सहेजी जाती थी
विनोद कुमार शुक्ल
(नौकर की कमीज)
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भारत के कुछ महान राजा जिनका इतिहास सभी हिन्दू को पढना चाहिए|
1. *बप्पा रावल*- अरबो, तुर्को को कई हराया ओर हिन्दू धरम रक्षक की उपाधि धारण की
2. *भीम देव सोलंकी द्वितीय* - मोहम्मद गौरी को 1178 मे हराया और 2 साल तक जेल मे बंधी बनाये रखा
3. *पृथ्वीराज चौहान* - गौरी को 16 बार हराया और और गोरी बार बार कुरान की कसम खा कर छूट जाता ...17वी बार पृथ्वीराज चौहान हारे
4. *हम्मीरदेव (रणथम्बोर)* - खिलजी को 1296 मे अल्लाउदीन ख़िलजी के 20000 की सेना में से 8000 की सेना को काटा और अंत में सभी 3000 राजपूत बलिदान हुए राजपूतनियो ने जोहर कर के इज्जत बचायी ..हिनदुओ की ताकत का लोहा मनवाया
5. *कान्हड देव सोनिगरा* – 1308 जालोर मे अलाउदिन खिलजी से युद्ध किया और सोमनाथ गुजरात से लूटा शिवलिगं वापिस राजपूतो के कब्जे में लिया और युद्ध के दौरान गुप्त रूप से विश्वनीय राजपूतो , चरणो और पुरोहितो द्वारा गुजरात भेजवाया तथा विधि विधान सहित सोमनाथ में स्थापित करवाया
6. *राणा सागां*- बाबर को भिख दी और धोका मिला ओर युद्ध . राणा सांगा के शरीर पर छोटे-बड़े 80 घाव थे, युद्धों में घायल होने के कारण उनके एक हाथ नही था एक पैर नही था, एक आँख नहीं थी उन्होंने अपने जीवन-काल में 100 से भी अधिक युद्ध लड़े थे.
7. *राणा कुम्भा* - अपनी जिदगीँ मे 17 युदध लडे एक भी नही हारे
8. *जयमाल मेड़तिया*- ने एक ही झटके में हाथी का सिर काट डाला था। चित्तोड़ में अकबर से हुए युद्ध में *जयमाल राठौड़* पैर जख्मी होने कि वजह से *कल्ला जी* के कंधे पर बैठ कर युद्ध लड़े थे, ये देखकर सभी युद्ध-रत साथियों को चतुर्भुज भगवान की याद आयी थी, जंग में दोनों के सिर काटने के बाद भी धड़ लड़ते रहे और 8000 राजपूतो की फौज ने 48000 दुश्मन को मार गिराया ! अंत में अकबर ने उनकी वीरता से प्रभावित हो कर जयमाल मेड़तिया और पत्ता जी की मुर्तिया आगरा के किलें में लगवायी थी.
9. *मानसिहं तोमर*- महाराजा मान सिंह तोमर ने ही ग्वालियर किले का पुनरूद्धार कराया और 1510 में सिकंदर लोदी और इब्राहीमलोदी को धूल चटाई
10. *रानी दुर्गावती*- चंदेल राजवंश में जन्मी रानी दुर्गावती राजपूत राजा कीरत राय की बेटी थी। गोंडवाना की महारानी दुर्गावती ने अकबर की गुलामी करने के बजाय उससे युद्ध लड़ा 24 जून 1564 को युद्ध में रानी दुर्गावती ने गंभीर रूप से घायल होने के बाद अपने आपको मुगलों के हाथों अपमान से बचाने के लिए खंजर घोंपकर आत्महत्या कर ली।
11. *महाराणा प्रताप* - इनके बारे में तो सभी जानते ही होंगे ... महाराणा प्रताप के भाले का वजन 80 किलो था और कवच का वजन 80 किलो था और कवच, भाला, ढाल, और हाथ मे तलवार का वजन मिलाये तो 207 किलो था.
12. *जय सिंह जी* - जयपुर महाराजा ने जय सिंह जी ने अपनी सूझबुज से छत्रपति शिवजी को औरंगज़ेब की कैद से निकलवाया बाद में औरंगजेब ने जयसिंह पर शक करके उनकी हत्या विष देकर करवा डाली
13. *छत्रपति शिवाजी* - मराठा वीर वंशज छत्रपति शिवाजी ने औरंगज़ेब को हराया तुर्को और मुगलो को कई बार हराया
14. *रायमलोत कल्ला जी* का धड़ शीश कटने के बाद लड़ता- लड़ता घोड़े पर पत्नी रानी के पास पहुंच गया था तब रानी ने गंगाजल के छींटे डाले तब धड़ शांत हुआ उसके बाद रानी पति कि चिता पर बैठकर सती हो गयी थी.
15. सलूम्बर के नवविवाहित *रावत रतन सिंह चुण्डावत* जी ने युद्ध जाते समय मोह-वश अपनी पत्नी हाड़ा रानी की कोई निशानी मांगी तो रानी ने सोचा ठाकुर युद्ध में मेरे मोह के कारण नही लड़ेंगे तब रानी ने निशानी के तौर
पैर अपना सर काट के दे दिया था, अपनी पत्नी का कटा शीश गले में लटका औरंगजेब की सेना के साथ भयंकर युद्ध किया और वीरता पूर्वक लड़ते हुए अपनी मातृ भूमि के लिए शहीद हो गये थे.
16. औरंगज़ेब के नायक तहव्वर खान से गायो को बचाने के लिए पुष्कर में युद्ध हुआ उस युद्ध में *700 मेड़तिया राजपूत* वीरगति प्राप्त हुए और 1700 मुग़ल मरे गए पर एक भी गाय कटने न दी उनकी याद में पुष्कर में गौ घाट बना हुआ है
17. एक राजपूत वीर जुंझार जो मुगलो से लड़ते वक्त शीश कटने के बाद भी घंटो लड़ते रहे आज उनका सिर बाड़मेर में है, जहा छोटा मंदिर हैं और धड़ पाकिस्तान में है.
18. जोधपुर के *यशवंत सिंह* के 12 साल के पुत्र *पृथ्वी सिंह* ने हाथो से औरंगजेब के खूंखार भूखे जंगली शेर का जबड़ा फाड़ डाला था.
19. *करौली के जादोन राजा* अपने सिंहासन पर बैठते वक़्त अपने दोनो हाथ जिन्दा शेरो पर रखते थे.
20. हल्दी घाटी की लड़ाई में मेवाड़ से 20000 राजपूत सैनिक थे और अकबर की और से 85000 सैनिक थे फिर भी अकबर की मुगल सेना पर हिंदू भारी पड़े
21. राजस्थान पाली में आउवा के *ठाकुर खुशाल सिंह* 1857 में अजमेर जा कर अंग्रेज अफसर का सर काट कर ले आये थे और उसका सर अपने किले के बाहर लटकाया था तब से आज दिन तक उनकी याद में मेला लगता है
इसके अतरिक्त बहुत से योद्धा हुए है इस धरती पर जिनका नाम यहाँ नहीं किन्तु इससे उनका भारत को दिया योगदान कम नहीं होगा |
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ए हमारे यहां के जोकरों का business model है
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वस्तुओं का
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उपयोग होता था।
भविष्य में कुछ काम आएगा
इसलिए कबाड़ और रद्दी
पूंजी की तरह सहेजी जाती थी
विनोद कुमार शुक्ल
(नौकर की कमीज)
तुम बड़े नाराज नजर आते हो
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और ज्यादे कि दरकार है
आभार
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तूंँ पहले सच्चा बन जा
फिर
और नहीं कुछ करना है
बात बड़ी छोटी सी है
बगैर मुखौटा रहना है