Hindu Jagriti

आजाद परिंदे 

यह आसमान में 

उड़ने वाले आजाद पंछी 

जिंहे देखकर 

हर शख़्स में ख्वाहिश जग जाती है

आसमान की ऊंचाई तो कुछ भी नहीं है 

बस पर चाहिए 

उड़ना आना चाहिए 

आजादी का मुकम्मल मुकाम कहीं है? 

जहां हद की भी कोई हद नहीं है 

उसे ही तो आसमान कहते हैं 

जिन हदों तक परिंदे जा सकते हैं 

उसके आगे भी न जाने कितनी हदें हैं 

आसमान कुछ ऐसे ही बना है

और हम भी 

कुछ इसी तरह की आजादी चाहते हैं 

जहां कोई हद न हो 

सिर्फ आसमान हो 

चिड़ियों को देखकर 

उसी हद की ख्वाहिश में जीते हैं 

जो अनहद है 

यह परिंदे 

जो आसमान के सैलानी है 

जिंहे देखकर हर शख़्स 

उड़ने की चाहत रखता है 

बदकिस्मती देखिए उन इंसानों की 

वह परिंदों को 

पिंजरे में कैद रखना चाहता हैं 

जबकि किसी भी चिड़िया के लिए 

यह तो सजा है 

जिसे एक पंछी बखूबी समझता है 

तेरी फितरत भी तो उसी परिंदे जैसी है 

तूँ आसमान में उड़ना चाहता है 

इसका मतलब तो यही है 

पिंजरे का मतलब तूँ भी समझता है 

चलो अब उड़ान का सच कहते हैं 

चाहे जितनी ऊंचाई तक पहुँच जाएं

पर आसमान में कोई ठहर नहीं सकता 

उसे फिर इसी जमीन पर लौटना पड़ता है 

सांझ को परिंदे लौट आते है 

इसी साख पर 

जहां उसका एक छोटा सा घोसला है 

शायद लौटने की वजह भी यही है 

उसका घोसला 

जो उसका अपना है 

यही उसका घर है 

जिसमें उसका परिवार रहता है। 

तो आसमान की ख्वाहिश 

कोई हर्ज नहीं है 

पर लौटने के बाद 

हमें हमारा घर मिलना चाहिए 

इसके लिए 

पहले 

घर बनाना पड़ता है 

जिसे हम घोसला कहते हैं 

वह पिंजरा नहीं होता 

आसमान छूने की ताकत 

इसी घर से आती है 

गौर से देखो 

आसमान जमीन बनकर 

मेरे घर में बिछ गया है 

मैं एक टुकड़ा सिराहने लगातार 

गहरी नींद में उतर जाता हूँ 

©️Rajhansraju

*******

हिन्दू जागृति 

जागो हिंदू जागो 

हिंदू होने पर गर्व करो 

धर्म से बड़ी जाति नहीं होती 

कोई जाति 

छोटी बड़ी नहीं होती 

सबका अपना महत्व है 

सबका अपना काम है 

जैसे सूई और तलवार है। 

जागो हिंदू जागो.... 

जो किसी को छोटा माने

उसको हिंदू होने पर धिक्कार है 

बड़ा वही है 

जो थामे सबका हाथ 

लगे अपनों को अपना 

मिल बैठे दो चार घड़ी 

वक्त बांटे अपनों के साथ। 

जागो हिंदू जागो..... 

हिंदू मानस बड़ा आलसी

अपने काम से काम रखे

कुटते पिटते जब तक रहें

तब तक हिंदू होने का 

एहसास रहे

दलित बाभन का नारा 

वोट बैंक की राजनीति है 

कमजोर तुम्हें करके 

सत्ता पाने की नीति है। 

जागो हिंदू जागो... 

कूटना हो इनको 

तो पहले जाति में बांटो 

जाति का झंडा लेकर 

आपस में लड़ जाएंगे 

काम धर्मांतरण का समझो 

आसान हो जाएगा 

जब हिंदू 

खुद कहेगा 

मैं हिन्दू नहीं हूँ 

समझ लेना 

विधर्मियों का मकसद

सफल हो जाएगा। 

जागो हिंदू जागो... 

हजारों साल की गुलामी 

आदत बन गयी है 

तुम्हारा मौन अब 

बीमारी बन गयी है। 

जागो हिंदू जागो... 

जागो 

गर्व करो खुद पर 

हिंदू हो एहसास करो 

चिंतन मनन ध्यान करो 

खुद जागो जागरुक करो

ज्ञान अस्त्र-शस्त्र तुम्हारा है 

साधो इसको कसकर 

इसका ही विस्तार करो। 

जागो हिंदू जागो... 

हम हिंदू हैं 

यह पहचान हमारी है

कर्तव्य बोध का जो धागा है 

वह जाति हमारी है

वह गुण विशेष का खान है 

जो एक दूजे को पूरा करता है 

ए बरगद की जड़ें हैं 

जिससे मिलकर बरगद बनता हैं 

हर जड़ पूरा बरगद है 

वह बरगद तुम हो 

जिसको सारी दुनिया 

हिंदू कहती हैं। 

जागो हिंदू जागो.. 

छुआछूत न मानेंगे

भेदभाव न रखेंगे 

शूद्र हम सभी जन्मते हैं 

ब्राह्मण बनके मानेंगे 

एक देह मे चारों वर्ण

एक आदमी चारों कर्म

वही तप करके बन जाए ब्रह्म 

फिर बोल उठे मैं ही ब्रह्म। 

जागो हिंदू पहचानो खुद को 

जागो हिंदू जागो हिंदू 

#जयहिंद #जयहिंदू #जयभारत 

#jayhind #jayhindu #jaybharat

🌹❤️❤️🙏🙏🙏🌹🌹

बेटी का ब्याह 

एक गांव में दो बुजुर्ग बातें कर रहे थे....

पहला :- मेरी एक पोती है, शादी के लायक है... BA किया है, नौकरी करती है, कद - 5"2 इंच है.. सुंदर है कोई लडका नजर मे हो तो बताइएगा..

दूसरा :- आपकी पोती को किस तरह का परिवार चाहिए...??

पहला :- कुछ खास नही.. बस लडका MA/MTECH किया हो, अपना घर हो, कार हो, घर मे एसी हो, अपने बाग बगीचा हो, अच्छा job, अच्छी सैलरी, कोई लाख रू. तक हो...

दूसरा :- और कुछ...

पहला :- हाँ सबसे जरूरी बात.. अकेला होना चाहिए.. मां-बाप,भाई-बहन नही होने चाहिए.. वो क्या है लडाई झगड़े होते है...

दूसरे बुजुर्ग की आँखें भर आई फिर आँसू पोछते हुए बोला - मेरे एक दोस्त का पोता है उसके भाई-बहन नही है, मां बाप एक दुर्घटना मे चल बसे, अच्छी नौकरी है, डेढ़ लाख सैलरी है, गाड़ी है बंगला है, नौकर-चाकर है..

पहला :- तो करवाओ ना रिश्ता पक्का..

दूसरा :- मगर उस लड़के की भी यही शर्त है की लडकी के भी मां-बाप,भाई-बहन या कोई रिश्तेदार ना हो... कहते कहते उनका गला भर आया..

फिर बोले :- अगर आपका परिवार आत्महत्या कर ले तो बात बन सकती है.. आपकी पोती की शादी उससे हो जाएगी और वो बहुत सुखी रहेगी....

पहला :- ये क्या बकवास है, हमारा परिवार क्यों करे आत्महत्या.. कल को उसकी खुशियों मे, दुःख मे कौन उसके साथ व उसके पास होगा...

दूसरा :- वाह मेरे दोस्त, खुद का परिवार, परिवार है और दूसरे का कुछ नही... मेरे दोस्त अपने बच्चो को परिवार का महत्व समझाओ, घर के बडे ,घर के छोटे सभी अपनो के लिए जरूरी होते है...

वरना इंसान खुशियों का और गम का महत्व ही भूल जाएगा, जिंदगी नीरस बन जाएगी...

पहले वाले बुजुर्ग बेहद शर्मिंदगी के कारण कुछ नही बोल पाए.


श्री हनुमान प्रसाद पौद्दार
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ये वो हनुमान थे जिसने  कलयुग में सनातन धर्म की जड़ो को फिर से  सींचने का काम किया।
स्व. श्री हनुमान प्रसाद पौद्दार जी जिन्होंने #गीता_प्रेस गोरखपुर की स्थापना की ओर कलयुग में सनातन हिन्दुओ के घर घर मे वैदिक धर्म ग्रंथों, शास्त्रौ को पहुचाने का काम किया। आज हिन्दुओ के घर मे जो सनातन शास्त्र पहुच रहे है वो स्व श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार जी की देन है। वास्तव में हनुमान प्रसाद पोद्दार जी हनुमान ही थे जब हिन्दू समाज अपने ज्ञान , विज्ञान, गौरव को भुल अंग्रेजी सभ्यता का दास बन रहा था, तब इन्होंने हनुमान की भांति संजीवनी रुपी #गीता_प्रेस गोरखपुर   (सनातन शक्तिपुंज) की स्थापना कर जो सनातनियों को जड़ से जोड़े रखने का भगीरथी प्रयास किया । उसके लिए हिन्दू समाज हमेशा इनका ऋणी रहेगा।  

ऐसे धर्मरक्षक महावीरो को नई पीढ़ी द्वारा भूलना सिर्फ गलती नही महापाप होगा। इन लोगो ने अभावो में रहकर भी कैसे  संस्थान खड़े किए होंगे जो  सम्पूर्ण विश्व मे वैदिक धर्म ग्रंथ शास्त्र पहुचाने वाले सबसे बडे हिन्दू संस्थान बनकर उभरे।
न पैसा न संसाधन फिर भी हिंदू समाज की आने वाली पीढ़ियों तक शास्त्रो का अमर ज्ञान पहुचाने के लिए अपना सबकुछ वार दिया।
🙏🏼🙏🏼🙏🏼😊





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समझौता (लघुकथा): हरिशंकर परसाई
अगर दो साइकिल सचार सड़क पर एक-दूसरे से टकराकर गिर पड़े तो उनके लिए यह लाजिमी हो जाता है कि वे उठकर सबसे पहले लड़ें, फिर धूल झाड़ें। यह पद्धति इतनी मान्‍यता प्राप्‍त कर चुकी हैं कि गिरकर न लड़ने वाला साइकिल सवार बुजदिल माना जाता है, क्षमाशील संत नहीं।

एक दिन दो साइकिलें बीच सड़क पर भिड़ गईं। उनके सवार जब उठे तो एक-दूसरे को ललकारा, 'अंधा है क्‍या? दिखता भी नहीं।'

दूसरे ने जवाब दिया, 'साले, गलत 'साइड' से चलेंगे और आँखें दिखाएँगे।'

पहले ने गाली का बदला उससे बड़ी गाली से चुकाकर ललकारा, 'जबान सँभालकर बोलना, अभी खोपड़ी फोड़ दूँगा।'

दूसरे ने सिर को और ऊँचा करके जवाब दिया, 'अरे, तू क्‍या खोपड़ा फोड़ेगा मैं एक हाथ दूँगा तो कनपटा फूट जायगा।'

और वे दोनों एक-दूसरे का सिर फोड़ने के लिए उलझने ही वाले थे कि अचानक एक आदमी उन दोनों के बीच में आ गया और बोला, 'अरे देखो भाई, मेरी एक बात सुन लो, फिर लड़ लेना। देखो, तुम इसका सिर फोड़ना चाहते हो, और तुम इसका! मतलब कुल मिलाकर इतना ही हुआ कि दोनों के सिर फूट जाएँ तो दोनों को संतोष हो जाए। तो ऐसा करो भैया, दोनों जाकर उस बिजली के खंभे से सिर फोड़ लो और लड़ाई बंद कर दो।'

बात कुछ ऐसा असर कर गई कि भीड़ हँस दी और वे दोनों ही हँसी रोक नहीं पाए। उनका समझौता संपन्‍न हो गया।
©️हरिशंकरपरसाई
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  1. यह परिंदे
    जो आसमान के सैलानी है
    जिंहे देखकर हर शख़्स
    उड़ने की चाहत रखता है
    बदकिस्मती देखिए उन इंसानों की
    वह परिंदों को
    पिंजरे में कैद रखना चाहता हैं

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  2. ऐसे धर्मरक्षक महावीरो को नई पीढ़ी द्वारा भूलना सिर्फ गलती नही महापाप होगा। इन लोगो ने अभावो में रहकर भी कैसे संस्थान खड़े किए होंगे जो सम्पूर्ण विश्व मे वैदिक धर्म ग्रंथ शास्त्र पहुचाने वाले सबसे बडे हिन्दू संस्थान बनकर उभरे।
    न पैसा न संसाधन फिर भी हिंदू समाज की आने वाली पीढ़ियों तक शास्त्रो का अमर ज्ञान पहुचाने के लिए अपना सबकुछ वार दिया

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  3. शूद्र हम सभी जन्मते हैं
    ब्राह्मण बनके मानेंगे
    एक देह मे चारों वर्ण
    एक आदमी चारों कर्म
    वही तप करके बन जाए ब्रह्म
    फिर बोल उठे मैं ही ब्रह्म।
    जागो हिंदू पहचानो खुद को
    जागो हिंदू जागो हिंदू

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