israel hamas war

युद्ध और बेबसी  


जब भी युद्ध हुआ 
सबने यही दावा किया 
वह सही हैं 
क्योंकि यह लड़ाई 
वह अपनी पहचान बताने 
बचाने के लिए लड़ रहे हैं 
जबकि यह अपनी-अपनी 
बर्बरता-क्रूरता,
निर्ममता जताने का मौका है
भला कैसे छोड़ दे 
कोई अपनी फितरत 
उसने बताया वह अब भी 
इंसान नहीं बन पाया है 
वह जानवरों से भी बद्तर है 
क्योंकि जानवर तो जंगल में रहते हैं 
और जंगल के अपने नियम है 
वहां जिंदा रहने की कुछ शर्त है 
पर हमने तो अपने अंदर 
एक अंधेरा जंगल सहेज रखा है 
जिसमें कोई नियम नहीं है 
हम कौन से जानवर हैं 
आज तक पता नहीं है 
शिकार करते हैं 
होते हैं। 

पर इंसान
जब इंसान को मारता है 
तो वह शिकार नहीं करता है 
वह अपनी हदें बताता है 
वह इंसान नहीं है। 
जानवर कहलाने लायक भी नहीं 
हालांकि हमारे पास शब्द है 
भावनाओं कि अभिव्यक्ति के तरीके है 
मगर किस काम के 
जब सिर्फ बंदूक 
गोला बारूद से काम होता हो 
यही सच है 
हम ऐसे ही हैं 
बस सच स्वीकार करने की 
सामर्थ्य नहीं है 
हम क्यों लड़ रहे हैं 
इस बात का जो तर्क देते हैं 
वह पूरा सच नहीं है 
दुनिया का कोई भी कोना हो 
युद्ध हकीकत है 
सबसे ज्यादा वही लोग मारे जाते हैं 
जिनकी कोई गलती नहीं होती 
जो किसी तरफ नहीं होते 
हालांकि वह दिखाई देते हैं
वह सीमा के किस तरफ है 
मगर इसमें 
उनकी कोई सहमति नहीं है 
कोई विरोध भी नहीं है 
बस वहां होने को लाचार है 
और वहीं बने रह जाते हैं 
वह जिस तरफ भी होते हैं 
उसी के साथ नजर आते हैं 
फिर मारे जाते हैं 
दूसरी तरफ वालों के हथियारों से, 
उनकी गलती सिर्फ यही होती है 
कि वह उनकी तरफ नहीं हैं। 

फिर आग लगी, 
उसका घर जलने लगा 
आग बुझाने का 
अब कोई साधन नहीं है 
क्योंकि पूरा शहर जल रहा है 
और पीने का पानी भी नहीं है 
गलती किसकी है 
किसे दोष दें
क्योंकि यह 
कोई नई बात नहीं है 
यह पहचान का संकट 
हमने ही खड़ा किया है 
हम साथ नहीं रहना चाहते 
अच्छा एक बात समझने की है 
हमें कौन पहचानेगा 
जब हमारे साथ 
हमारे सिवा कोई और नहीं होगा 
मतलब जो हमें 
हमारे जैसा नहीं दिखता 
हम उसे मिटा देंगे 
तो फिर हम 
पहचाने कैसे जाएंगे 
पहचान तो तभी बनेंगी
जब अलग-अलग पहचान के लोग 
एक साथ हों
सब के अलग-अलग नाम हो 
जब सब एक ही नाम के हो जाएंगे 
तो फिर पहचान बनेगी कैसे 
या फिर मिट जाएगी
जिसे बचाने की 
इतनी कोशिश हो रही है 

एक गुलदस्ता 
जो ढेर सारे फूलों से बना है 
उन्हीं के बीच 
एक फूल 
जो सबसे अलग है
उसके लिये भी 
जगह होनी चाहिए। 
मगर यह स्वप्न है
गोली की आवाज से चौका 
अब भी मेरे हाथ में
एक स्वचालित गन है
जिसे मैंने मजबूती से पकड़ रखा है 
अपना निशाना ढूंढ रहा हूँ
मेरे एक साथी के 
एकदम सर में गोली लगी है
सामने वाले ने उससे पहले चला दी
हमारा यही अंजाम है
यहाँ कोई नियम नहीं है
आंख निशाने पर 
उंगली टिगर पर होनी चाहिए
किसका निशाना कितना अच्छा है
किसने कितनी जल्दी गोली चलाई
फिलहाल इसी का खेल चल रहा है
जिसमें कोई नियम नहीं है
युद्ध का यही नियम है
न मालूम इसकी डोर
कहाँ किसके हाथ में है

दुनिया में आज भी 
युद्ध
अच्छा निवेश है
गोला बारूद का कारोबार 
बहुत बड़ा है 
इसी के दम पर 
इतिहास भूगोल बदल जाता है 
देखते हैं हम किसके हिस्से आते हैं 
पहचान का असल संकट यही है 
हम हमीं नहीं रह जाते हैं 
©️Rajhansraju
**********
to visit other pages
❤️❤️❤️

बाढ़ 


अब जब कभी बाढ़ आए
तो एक काम करना
उसे देखकर घबराना मत
नाराज नहीं होना,
कोई शिकायत नहीं करना
सिर्फ इतना करना है
उसे आहिस्ता से
अपनी बाहों में भरना है
संभलने-संभालने की कोशिश करना है
जानते हो किसी कोने में
उसे भी जगह चाहिए
कभी गौर किया है
वह कैसे हड़बड़ाहट में रहता है
घबराया हुआ सा
हांफता भागता दिखता है
बहुत भावुक है
ज्यादा देर तक कहीं ठहरता नहीं है
ताजे पानी से बना है
छलकता रहता है
देखो तालाब कैसे मुस्करा रहा है
हमेशा उसके इंतजार में
पलक पांवड़े बिछाए रहता है
उसके बगैर वह पूरा नहीं हो सकता
उसी का इंतजार नदी को भी है
जिसे हम बाढ़ कहते हैं
वह और कुछ नहीं
मैं कहाँ तक, कितनी हूँ
यह नदी का,
हमको बताने, समझाने का तरीका है
ए जो मरुस्थल है
किसी के इंतज़ार में
वहीं ठहर जाने कि कहानी है
उसने जिस नदी को संभाल रखा है
उसे बे-पानी हुए एक अरसा हो गया है
मगर यह उम्मीद
अब भी उसमें बाकी है
ऐसे ही किसी दिन
उसके चारों तरफ पानी होगा
उसकी नदी खिलखिलाएगी
उसमें नाव चलेगी
उसमें भी दो किनारे होंगे।
यह सब मुमकिन है
बस जब बाढ़ ये
उसे खुद में
जितना भर सकें
भरना है
©️Rajhansraju

❤️❤️❤️

बिन पानी नदी

********

मेरे समुंदर
कभी-कभी यूँ ही
मेरी खबर ले लिया कर
मैं बे-पानी हूँ कब से
फिर भी नदी हूँ
मुझे जितना चाहे खारा कर दे
अपने पास आने कि ताकत दे दे
मैं चलने लगूँ
बस इतना कर दे
जो झूम कर बरसे
मेरे विराने में
भेज दे कभी
ऐसे किसी पागल को
इतना न सही तो
बस इतना कर दे
पूरा न सही एक टुकड़ा दे दे
मेरे हिस्से में
जितना भी आए
बस मुकम्मल हो
तुझे मालूम चले
मैं किस हाल में हूँ
ऐ लौटते हुए बादल
मेरा ए काम कर दें
मेरी खबर
तुझे दे दे
फिर तुम्हारी मर्जी।
मैं जानती हूँ
ए बदरी-बरखा तुम्हीं हो
देखती हूँ
मेरे पास कब पहुँचते हो
मेरी खबर कब लेते हो
मेरे समुंदर मेरी भी
कभी-कभी खबर ले लिया कर
©️Rajhansraju
to visit other pages

❤️❤️❤️
🌹❤️❤️🙏🙏🙏🌹🌹

यदुवंशी क्षत्रिय 

*****

हे यादव यदुवंशी क्षत्रिय 
सत्य सनातन के थे प्रहरी 
बन बैठे पिछड़ों में पिछड़ा 
हड़प लिया उनका सब हिस्सा 
जागो तज दो पिछड़ापन 
क्षत्र धर्म स्वीकार करो 
निर्बल को हक दो उनका 
माधव के वंशज तुम हो 
मित्र सुदामा को देखो
दीन दलिद्र होकर भी
सनातन का झंडा थामें 
देखो खड़ा है कैसे 
तज दो बेड़ी राजाओं की
उनके तुम गुलाम नहीं हो
हे यादव यदुवंशी क्षत्रिय 
जग जाओ स्वीकार करो 
सत्य सनातन के हो प्रहरी
इससे न इंकार करो
हे यादव यदुवंशी क्षत्रिय 
इसको तुम स्वीकार करो 
©️Rajhansraju 


सरकारी नौकरी 
******
कान खोल कर सुन लो 
बाभन बनिया ठाकुर जी 
उम्र हो जाती है पार 
सरकारी नौकरी 
खातिर जी 
दो चार साल से ज्यादा 
मत करना प्रयास 
आंक लेना जल्दी से खुद को 
क्योंकि श्रेणी है सामान्य 
एक से बढ़कर एक धुरंदर 
पहलवान बैठे हैं 
वक्त बर्बाद मत करना 
और भी काम अच्छे हैं 
समझ लो जल्दी लाला जी 
दुकान नहीं तो उठ जाएगी 
ठेला लगाने की भी 
जगह नहीं मिल पाएगी
कान खोल कर सुन लो
उमर अकल के कच्चे पक्के
जो हाथ में है जितना है 
वही अच्छा है 
जो सपना नहीं 
अपना है 
©️Rajhansraju 


आहिस्ता-आहिस्ता 
********
हमने बस ठान लिया 
चलते रहे
कभी-कभी लड़खड़ाए 
और गिरे भी 
आज पूरी दुनिया 
देख रही है
धीरे-धीरे कैसे 
खुद को साधते हुए 
हम चांद पर पहुंच गए
©️Rajhansraju












*****************
my facebook page 
***************

***********
facebook profile 
************

***************







*********************************
my Youtube channels 
**************
👇👇👇




**************************
my Bloggs
***************
👇👇👇👇👇



****************************





**********************

Comments

  1. दुनिया में आज भी
    युद्ध
    अच्छा निवेश है
    गोला बारूद का कारोबार
    बहुत बड़ा है
    इसी के दम पर
    इतिहास भूगोल बदल जाता है
    देखते हैं हम किसके हिस्से आते हैं
    पहचान का असल संकट यही है
    हम हमीं नहीं रह जाते हैं
    ©️Rajhansraju

    ReplyDelete
  2. मेरे समुंदर
    कभी-कभी यूँ ही
    मेरी खबर ले लिया कर
    मैं बे-पानी हूँ कब से
    फिर भी नदी हूँ
    मुझे जितना चाहे खारा कर दे
    अपने पास आने कि ताकत दे दे

    ReplyDelete
    Replies
    1. खबर लेते देते रहना बहुत जरूरी है

      Delete
  3. मैं कौन हूँ
    क्यों हूँ
    यह सवाल खुद से है
    सही गलत
    का फैसला
    मुझी से है
    ©️Rajhansraju

    ReplyDelete
    Replies
    1. सवाल खुद से ही करना है

      Delete
  4. जिंदगी कैसी है क्या कहें
    बस चलती राहनी चाहिए

    ReplyDelete

Post a Comment

स्मृतियाँँ

Ram Mandir

Teri Galiyan

Yogdan

Be-Shabd

agni pariksha

Sangam

Darakht

Nikamma

Cinema and society

Yuddh : The war