Sardarji

 सरदार जी 

जो भारत का अभिमान है 

सत्य सनातन की शान है 

हमारी पगड़ी 

हमारा गुरूर, हमारी जान है 

गलतफहमी है तो दूर कर लो 

सनातनी ही 

पगड़ी बांधे सरदार है

©️Rajhansraju 

🌹🌹🌹🌹💐

जय सियाराम 

जय श्री राम, जय श्री राम, 

जय श्री राम जय जय श्री राम 

जय सियाराम जय जय सियाराम 

जय सियाराम जय जय सियाराम 

हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 

हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे 

ए नाम की महिमा ए राम की महिमा 

वह घट घट में है

घट उनमें है 

मेरा तेरा भेद नहीं है

अद्वैत है कोई द्वैत नहीं है 

पत्थर की मूरत है जो

साधना की जरूरत है वो

मंदिर में जो आकार है 

हमको जिसने साकार किया 

उसी की अभिव्यक्ति है 

जो मौन साधे सुनता है 

जिससे कह लें कुछ भी हम 

कभी माँ कभी पिता सा दिखता है 

हर हर महादेव, हर हर महादेव 

हर हर महादेव... 

कोई छोटा है ना बड़ा यहां पर 

जो समर्पित है जीवन में 

वही जान पाया स्वयं को 

खोज में निकला है जो घर से 

पाने की अभिलाषा में 

छोड़ दिया जब से सब कुछ 

खो दिया खुद को जब उसने 

हुआ स्वयं का दर्शन  

अभिन्न हुआ वह द्वैत छोड़कर 

माटी का माथे पर किया तिलक 

मां का मतलब समझ गया 

वंदे मातरम, वंदे मातरम, 

वंदे मातरम, वंदे मातरम 

उसकी जुबां पर आ गया 

वह देश का मतलब समझ गया 

यह भारत का ही भाव है 

जो अभिन्न और अद्वैत है 

यह धरती मेरी मां है 

यही मेरा कुटुंब है 

मैं कैसे किस में भेद करुँ 

अभेद है है सब अभिन्न है 

जय सियाराम जय जय सियाराम 

हर हर महादेव हर हर महादेव

©️Rajhansraju 

🌹🌹🌹🌹🌹🌹


तलाश 

न जाने किसकी तलाश में 

भागता रहता हूँ 

आराम का मतलब 

जानता नहीं हूँ 

किसके लिए 

मैं क्या बन रहा हूँ 

मैं कौन हूँ 

पहचानता नहीं हूँ 

फिर भी न जाने क्यों 

इस दरख़्त के साये में 

सुकून मिलता है 

किसी एक जगह 

ठहरने कि जैसे आदत हो गई है 

कहीं से भी घूमकर 

वहीं आ जाना 

न जाने कब का 

कोई बिछड़ा रिश्ता लगता है 

कुछ देर हम यूँ ही बैठे रहते हैं 

बिना शब्दों के 

कितनी बात करते हैं 

हम एक दूसरे से कहानियां कहते हैं 

हमारे सिवा कोई सुनता नहीं है 

अभी एक हवा झोंका आया है 

पेड़ मेरी बात पर खिलखिलाया है 

और मैंने आहिस्ता से 

उसका हाथ दबाया है 

एकदम मेरे जैसा है 

मेरे इंतजार में 

अपनी छांव लिए

कहीं जाता नहीं है 

यहीं रहता है 

कितना आसान है 

रिश्ता जोड़ना 

बस मिलने जुलते रहना है 

दरख़्त कि हरियाली 

आंख में बसने लगी है 

तभी पैर में कुछ चुभा 

फड़फड़ाने कि आवाज आई है 

एक पत्ता जो इसी पेड़ का है 

अपनी मियाद पुरी करके 

टहनी से छूट गया है 

वह भी हंस रहा है 

एक जैसा कुछ भी रहता नहीं है 

यही कह रहा है 

सूखे गिरे पत्ते पैर में चुभते है 

अपने होने का एहसास 

ऐसे ही कराते हैं 

पेड़ कि जिम्मेदारियां बहुत बड़ी है 

जो हरे हैं 

पहले उन्हें संभालना है 

और साख से बिछड़े पत्ते 

कहीं और जाते नहीं हैं

यहीं मिट्टी में मिलकर 

मिट्टी बन जाते हैं 

और वृक्ष को 

वट वृक्ष बना देते हैं 

©️Rajhansraju

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹


भ्रम 

******

आँखों का क्या दोष है, 

एक रंगीन चश्मा लगा है, 

जिसे जैसे चाहो, 

वैसे देख लो, 

बस! 

शीशा ही तो बदलना है। 

©️Rajhansraju 

🌹🌹🌹🌹🌹🌹


अपनी तलाश 

********

वह  चांद की तलाश में

न जाने कितनी रात

भटकता रहा

आंख जागती रही 

पूरा पखवाड़ा 

ऐसे ही बीत गया

अब थक गया 

तलाश रुक गयी 

जबकि आज से ही 

चांद को आना था 

चांदनी रात का 

सिलसिला शुरू होना था

©️Rajhansraju 

🌹🌹🌹🌹🌹🌹


नाराजगी 

********

सभी के पास 

शिकायतों की लंबी फेहरिस्त है 

जो है पर्याप्त नहीं है 

यूं ही खुद से नाराज 

उसे कुछ और बनना था 

वह जो है 

वह बनने के लिए तो 

वह नहीं था 

इसी उधेड़बुन में 

आसपास देखना भूल गया 

एक दिन अपनी धुन में चलते-चलते 

अकस्मात ठोकर लगी 

सिर्फ अंगूठे का नाखून 

खुरच गया 

इस से ज्यादा कुछ नहीं हुआ

बस एक अल्पविराम सा लगा 

जरा सा ठहर कर 

पहले खुद को देखा 

फिर अपने आसपास 

नजर दौड़ाई 

अब किसी से 

कोई शिकायत नहीं रही

©️Rajhansraju 

🌹🌹🌹🌹🌹

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The Mask 

*****

मैं चेहरा हूँ 

मैं मुखौटा हूँ 

मैं रोटी हूँ मैं भूख हूँ 

मैं हकीकत हूँ 

तुम्हारे बीच हूँ 

मैं ऐसा हूँ 

मैं वैसा हूँ 

क्या देख रहा है 

मैं तो सिर्फ आइना हूँ 

©️Rajhansraju 

🌹❤️🙏🙏🙏❤️🌹🌹





      








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Comments

  1. यही ऐसे ही जिंदगी कि कहानी चलती रहती है
    हम सब को ऐसे ही अपनी कहानी कहानी है

    ReplyDelete
  2. चेहरे और मुखौटे के बीच हम उलझे है

    ReplyDelete
  3. इस दुनिया को,
    आबाद रखने की यही शर्त है,
    इसका खारापन सोखने को,
    हमारे पास,
    एक समुंदर हो।

    ReplyDelete
  4. नए गगन में नया सूर्य
    जो चमक रहा है
    विशाल भूखंड
    आज जो दमक रहा है
    मेरी भी आभा है इसमें
    ©️बाबा नागार्जुन

    ReplyDelete

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