Posts

Mango tree

Image
आम का पेड़  *********** ।। Sonai my village।। गाँव से शहर की तरफ आते हुए,  सड़क किनारे खूबसूरती ओढ़े,  ए महाशय सदा की तरह चुपचाप खड़े थे,  हमने कहा चलिए आपकी एक फोटो हो जाये ।। सोनाई मेरा गाँव।।  **************************** (१) बहुत दिनों बाद नये पत्तों में उसको देखा,  ए पतझड़ के बाद, इस तरह से संवरने का, मौसम आता है,  एकदम अनजाना, बिना पहचाना सा लगता है, सबने उसे देखकर,  यही सवाल पूछा,  यह दरख्त,  किसका है, उसने कुछ नहीं कहा, बूढ़ा "महुआ" नये पत्तों के साथ,  मुस्कराता रहा.. ©️rajhansraju ************************ (२)  जड़े बची हैं  एक पौधे का जन्मभूमि छोड़कर,  दूर जाना,  फिर किसी और खेत कि,  मिट्टी में जम जाना. उसकी अपनी मर्ज़ी नहीं थी,  पर! छोड़ना पड़ता है,  उस मिट्टी को जहाँ जन्म लिया. तोड़ना पड़ता है,  उसी से नाता.  कहीं भी बो दिया जाता है,  जड़ ज़माने को,  खुला छोड़ दिया जाता है. पौधे अपनी जड़,  नई मिट्टी में भी जमा लेते हैं. नए रिश्ते,  वहाँ के खाद-पानी से बना लेते हैं. ख

Samvad

Image
संवाद  ********** वह मुसाफिर  जिसे अब ए भी याद नहीं, वह किस देश का है, उसकी जुबान कौन सी है? वह सारा जहाँ,  देखने का दावा करता है, हर मुल्क के बाशिंदों से मिला है, सब जगह उसके दोस्त रहते हैं, हलाँकि सभी जुबानें,  बोल तो नहीं पाता, पर तमाम जुबानों को, पहचान लेता है, और जब वह,  किसी अनजानी जुबान से मिलता है, चुपचाप उनको देखता है उनकी आँखों में सब कुछ, बाकियों जैसा ही तो रहता है, जिसको समझने के लिए, किसी जुबान का आना, जरूरी नहीं होता, बस थोड़ी देर ठहरकर,  महसूस करना है, ठीक उसी तरह,  जब बच्चे एकदम छोटे होते हैं, वो कुछ नहीं कहते, पर! माँ सब समझ जाती है, बिना शब्दों के, सारे संवाद हो जाते हैं, और कभी-कभी लगातार बोलते रहने के बाद भी, कोई संवाद कहाँ हो पाता है? बात उस समय की है, जब वह बहुत छोटा था, कहीं के लिए निकला था, शायद किसी चीज के पीछे, नन्हे कदमों से बहुत तेज, भागा था, वो क्या था?  अब तक नहीं समझ पाया, पर उसमें एक कशिश थी, जिसे पाने के लिए, उसके पीछे लगातार भागता रहा, और आज तक लौट नहीं पाया,

Dahlij

Image
दहलीज  ******* रोशनी और अंधेरे के बीच,  एक दहलीज है, वक्त का एक लम्हा,  न जाने क्यों? कब से वहीं ठहरा हुआ है, अच्छा है बाकी सभी,  इस पार है,  नहीं तो उस पार है, उन्हें सिर्फ रोशनी, या अंधेरे से वास्ता है, दहलीज पर वो लम्हा, अब भी रुका है, उसके एक तरफ रोशनी है दूसरी तरफ घनघोर अंधेरा है, वह दोनों तरफ, देखता और सुनता है, अंधेरे-उजाले के चर्चे, सुनता रहता है, दोनों के बीच में खड़ा, मुस्कराता रहता  ©️rajhansraju ***************************** (2) Delhi to Mumbai शर्म के सिवा सब है  फक्र करने की वजह क्या अब भी बची है? अब किसी के मजहब का जिक्र मत करना बेहयायी में सब एक जैसे हैं कफन ओढ ली है जमीर मरे एक अर्षा हो गया। फिर वजह का जिक्र होगा कोई सियासत, कोई मजहब का, अजीब सा वजूद गढ़ रहा होगा। ए सही है यही होगा ठेकेदार चिल्ला रहा होगा फिर जो सबसे कमजोर होगा सारा इल्जाम उसी पर लगेगा बहुत होगा कुछ देर शोर मचेगा जल्द ही बोर हो जाएंगे सब भूल जाएंगे उसी मरे ज़मीर में लौट जाएंगे। ©️Rajhansraju ******