Afwah
अफवाह ******* किसी घर को तूने, आज़ बेरंग कर दिया , मज़हब के नाम पर, ए क्या हो गया ? इंसानियत को शर्मसार करके , कौन सा झंडा बुलंद हो गया ? हाथ में शोले हो तो, कब तक बचेगा ? तूँ भी यतीम होगा, तेरा भी घर जलेगा। वह घर, जो तूँ जलाकर आया है , उसके शोले, अब भी वहाँ कायम है , वही नफरत, अब वहाँ से उठेगी , वैसे भी चिंगारियों को, शोला बनने के लिए , एक अफवाह ही काफी है .. #rajhansraju *********************** (2) उम्मीद ********** अपनी सियासत, थोडी सी बंद कर दो , हमें संभलना आता है , एक मौका तो दो , हमारा पडोसी , अब भी हमारे साथ है , क्या करे वह भी , थोडा डरा , परेशान है , उसका भी घर है , परिवार है , जब उसने , पीछे से रुक जाने को कहा , मुझे लगा हमारे बीच , अब भी भरोसा बरकरार है #rajhansraju ********************* (३) चाहत ****** चढ़ते-चमकते, सूरज की चाहत में जीता है, जबकि वह तो, आगमन-प्र...