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sanatana dharma

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टूलकिट  ******** चुनाव की तैयारी शुरू हो गई  नया टूल किट आ गया है  अब उसी की चर्चा है  कोई यूरोप, कोई अमेरिका में है  और वहीं से तैयारी कर रहा है  पहले से खतरनाक वाले,  नरेटिव गढ़ रहा है  पड़ोसी ने भी कमर कस ली है  उसकी funding बढ़ गयी है  अभी तक जो दशकों से सत्ता में थे  एक दशक में ही टूट गए हैं  उनके लोग  जो सभी पदों पर थे  धीरे-धीरे कहीं के  नहीं रह गए हैं  यही बात  सबसे ज्यादा खटक रही है  क्योंकि सारी इनकम  बंद हो गई है  किसी की गर्दन फंसी है  तो किसी की दुम दबी है  ED CBI पीछे पड़ी है।  सच्चे हो तो डर कहे का?  कैसे, कितना, कहां सा आया?  बस इतना ही तो बतलाना है  🌹🌹🌹🌹 🌹🌹🌹🌹 to visit other pages     (1)   (2)     (4)   (5)   (6)     (8)   (10) (11)   (12)   (13)     (15) (16)   (20)   (25)   (33)   (38)   (44)   (50) (60)   (65)   (70) (72)     (80) 🌹🌹🌹🌹 [हिन्दू धर्म ही सनातन धर्म है]  अजीब आदमी है  जो जैसे चल रहा था  उसमें रोड़ा बन गया है  सबकी जेब भर रही थी  और सरकार  मजे से चल रही थी  सारा आराम चल गया  जो जैसे चल रहा था  अब वैसा नहीं रहा।  हर वह आदमी बहुत दुखी है  जिसकी

Chai

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 एक प्याली चाय  मैंने कितनी बार कहा है चाय के लिए मत पूछा करो यही तो एक चीज है जिसे पीते हैं बस थोड़ी थोड़ी देर पर थोड़ी थोड़ी मिलती रहे तो क्या हर्ज है? और हर बार जब तुम पूछते हो तो लगता है तुम्हें बनाने में दिक्कत है या पिलाने में परहेज? पर हम तो ठहरे पूरे चहेड़ी चाय के लिए बेहया बन जाते हैं और मुस्कराहट के साथ पियेंगे क्यो नहीं पियेंगे कहके चाय का जयघोष कर देते हैं   फिर कुछ देर में चाय हाजिर हो जाती है और जानते हैं कभी एक चाय किसी एक के लिए नहीं बनती मतलब न तो कप न चाय अकेले होती है चाय की यही खूबी है हमेशा साथ में पी जाती है वह आधी कप हो या पूरी इससे क्या फर्क पड़ता है बस चाय पीनी है इसलिए पीते हैं क्योंकि हम कुछ और नहीं पीते कुछ और पीने का मतलब तो समझ ही रहे हो अगर यह चाहते हो कुछ लोग कुछ और न पिएं तो फिर बस यूँ ही चाय पिलाते रहो वैसे चाय से आगे चाय पीने वाले जा भी नहीं पाते क्योंकि जो चाय पीते हैं उनकी हद चाय तक ही होती है हाँ कभी-कभी अच्छी कॉफ़ी मिल जाए तो अच्छा लगता है मगर कॉफी में वह चाय वाली बात नहीं आती है जैसे चाय में काफी वाली नहीं आती बस एक आदत पड़ जाती है वही मन को भाने