Pinjar।The Skeleton
पिंजरा ******** (१) अपने घर में, परिंदा देखकर, खुश होते हैं, उसकी आवाज में, आवाज मिला देते हैं, ए भी अच्छा है, जुबान नहीं समझते, वो दिन-रात अपने घर, आसमान की बातें करता है, तुमसे मोहब्बत नहीं है, ए भी कहता रहता है, हर बार उसके कहने का, कुछ और मतलब गढ़ लेते हो, जबकि उसकी ख्वाहिश, सिर्फ़ इतनी है, वह.... इस पिंजरे से आजाद, होना चाहता है.. ©️rajhansraju ************************ (२) कहनी है ******* वह खास अंदाज से अपनी बात कहता रहा, धीरे-धीरे उसकी कहानियों पर यकीं होने लगा, अब उसके अलावा कोई चर्चा नहीं होती, कहानी वाला सच हर तरफ बिखरा है, कुछ और जानने की जरूरत नहीं है क्यों कि जो सच है, इतना हसीन नहीं है फिर वो ख़ाब से क्यों जागे? और किसी के खाब को, झूँठा कह दे? चलो कुछ तो है, जिसके लिए, उसे नींद आ जाती है, उन्हीं कहानियों के सपने, अपने हिसाब से बुन लेता है, ऐसे ही पूरे दिन की थकान, बस...