Posts

Nagarjun

Image
बाबा नागार्जुन की बातें बातें- हंसी में तली हुई सौजन्य चंदन में बसी  हुई बातें- चितवन में धुली हुई व्यंग्य बंधन में कसी हुई बातें उसांस में झुलसी रोस की आंच में तली हुई बातें- चुहल में हुलसी नेह-सांचे में ढली हुई बातें- विष की फुहार सी बातें- अमृत की धार सी बातें- मौत की काली डोर सी बातें- जीवन के दूधिया हिलोरे सी बातें- अचूक वरदान सी बातें घृणित नाबदान सी बातें- फलद्प्रसू सुशोभन, फल सी बातें अमंगल विषगर्भ शूल सी बातें क्या करूं मैं इनका ? मान लूँ कैसे इन्हें तिनका? बातें यही अपनी पूंजी यही अपने औजार यही अपने सोधन यही अपने औजार बातें साथ नहीं छोड़ेंगे मेरा बना लूँ वाहन इन्हें घुटन का घिन का क्या करूं मैं इनका? बातें साथ नहीं छोड़ेंगी मेरा स्तुति करूं रात की, जिक्र न करूं दिन का? क्या करूं मैं इनका? ©️बाबा नागार्जुन 🌹🌹🌹🌹 रहा उनके बीच रहा उनके बीच मैं था पतित नीच मैं दूर जाकर गिरा,  बेबस उड़ा पतझड़ में, धंस गया आकंठ कीचड़ में सड़ी लाशें मिली उनके मध्य लेटा रहा आंखें मीच मैं उठा भी तो झाड़ आया नुक्कड़ों पर स्पीच, मैं रहा उनके बीच मैं था पतित मैं, नीच मैं ©️बाबा नागार्जुन 🌹🌹🌹🌹🌹

Dukh

Image
 दु:ख  ****** परेशान मत हो  तुम अकेले नहीं हो बस यही बताना है अच्छा है तो कितना अच्छा होगा बुरा भी कितना बुरा होगा दोनों लम्हे कुछ आंसू और हंसी के साथ गुजर जाते हैं और फिर सब पहले जैसा वैसे ही चलने लग जाता है हमारी आदत ही कुछ ऐसी है इसलिए अपने दुखी होने और उस दुख को बरकरार रखने की एक सीमा तय करनी चाहिए और जिंदगी जिंदाबाद कहना चाहिए थोड़ा खुद को डाटना समझाना है एक-दो थप्पड़ लगाना है पर ध्यान रखना जोर से न लगे मुझे मुझसे प्यार है मेरे लिए एक कप चाय या कॉफी बहुत है इसके आगे वाला गम कम करने का जो साइंटिफिक तरीका है वह मुझे नहीं चाहिए क्योंकि मुझे होश में रहना है खुद को समझना है आज की कहानी जो एक कविता है उसी में मैं हूँ और तुम भी हो तो आओ ढूंढे कहाँ-कहाँ मैं हूँ कहाँ-कहाँ तुम हो ©️Rajhansraju 🌹🌹🌹🌷🌷 घर वापसी  *** कदमों को बस संभालते हुए पगडंडियों से गुजर जाना धीरे-धीरे ही सही रास्ते पर चलने का तरीका हम रोज सीखते हैं फिर भी पूरी तरह चलना कहाँ सीख पाते हैं कहीं पहुंचकर जब खुद को देखते हैं यहीं ऐसे ही पहुंचना था जब सोचते हैं शायद कुछ कमी रह गई मुझे अब तक सलीके से चलना नहीं आया आस पास खुद