Ek Kahani
एक कहानी ********* अलग-अलग जगहों से आए, लोगों ने शहर बसाया, इनमें कुछ भी, एक जैसा नहीं था, सबके घर एक दूसरे से, इतने दूर हैं, वहाँ भी मेरे गाँव जैसा, एक गाँव होगा, ए तो मैंने, बचपन में नहीं सोचा था, ए सच है कि, वैसा ही गांव मेरे दोस्त का भी है, उसने भी वही कहानियां सुनी हैं, वो चांद वाली बुढ़िया, सच में बहुत याद आती है अब मैं उसके बारे में, जब सोचता हूँ, उसकी शक्ल हूबहू, दादी से मिलती है, मुझे माँ फरिश्तों की कहानी, सुनाती थी, जो अपने साथ इसी आसमान में, लोगों को लेकर जाते हैं, मेरा यकीन कि दादी, जरूर चांद पर रहती होंगी, वहीं से हमको देखती होंगी, मैं अक्सर, जब खुले आसमान में, बिखरी चांदनी देखता, चांद बहुत, खूबसूरत नजर आता, दादी के वहाँ होने का यकीन, उसे मेरे बहुत करीब ला देता, पर जबसे, खुद में खोया-खोया सा, ...