Mera asaman
मेरा आसमान ************ सोचता हूँ क्या कहूँ? लड़खड़ाते कदम अच्छे हैं, या फिर लड़खड़ाती आवाज, कुछ भी हो? अच्छा नहीं लगता, नींद का यूँ खो जाना। शायद! कभी-कभी, किसी को अलविदा कहना, बड़ा मुश्किल होता है, वो भी जिसके साथ इतना वक्त गुजारा, उसने भी तो भरपूर साथ निभाया, फिर उसके लिए, चंद रातें जाग लेना, बुरा तो नहीं है, हो सकता है, उसको आखरी बार, जी भर कर देखने की चाहत हो, अब एक दूसरे को, आखरी अलविदा कहना है। वो दुःख जो उसका अपना है, जिसकी चादर ओढ़े है, उसी से एक सुकून है, जिसको कसके थामा है, कम से कम वो उसका अपना है, हलाँकि साँस उसकी चलती नहीं, धड़कन सुनाई देती नहीं, पर गरदन जिसने पकड़ा है, वह कहता उसको अपना है, छोड़कर उसको चल न दे, यूँ ही जिंदा छोड़ दे, ए भी उसके लिए, अच्छा नहीं है, जिंदगी से डरता है, खुद का सामना, कहाँ करता है? कहीं आँख पूरी खुल गयी, या नींद उसको आ गयी, कुछ और सपने आ गए, या सच थोड़ा सा दिख गया, तब पुराना दुःख कहाँ रह पाएगा, बिना उसके, पास क्या रह जाएगा? जबकि, एक...