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madness

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 पागलपन  एक पागल   मुझे अक्सर मिल जाता है   वह रोज नयी बात करता है   कल जो कहा था   उसे दुहराता नहीं   जो कल कहा था   वह तो कल की बात थी   आज तो आज की बात होगी   भला जो कल सही था   वह आज कैसे सही हो सकता है   आज कुछ नया खोजेंगे   कुछ नया गढ़ेंगे   यह जो तुम कर रहे हो   वह भी किसी पागल ने ही कहा था   उस वक्त जब वह कह रहा   तब भी तुम सहमत नहीं थे   आज भी वह जो कह रहा है   उससे सहमत होना आसान नहीं है   वह तो पागल ठहरा   तुम जिस चीज को जैसे देखते हो   वह उसे वैसे नहीं देखता   वह कुएं के बाहर रहता है   उसे उड़ान के मायने मालूम है   वह समुंदर का दोस्त है   गहराई से रिश्ता है उसे प्यास लगी है   हर तरफ अथाह पानी है   मगर पी नहीं सकता   समुंदर का साथ ऐसा ही है   उसका खारापन   उसे समुंदर बनाता है   जो उसके साथ होगा उसमें भी नमक का स्वाद रह जाता है   एक दिन वह कुएं   के पास बैठा था   उसकी बातें बड़ी अजीब लगी   समुंदर आसमान   जैसी चीज होती है   भला कौन यकीन करता   कुएं से कहीं बड़ी दुनिया है   गहराई ऊंचाई कि कोई सीमा न