Roshani
रोशनी ******** एक किरण जब गुजरती है, किसी अंधेरे से, वह कितना भी घना हो, मिट जाता है, दिया उम्मीद है, हजारों हसरतो की, हम भी रौशन कर ले, अपने उसी कोने को ©️rajhansraju ***************** (2) धूप और छांव कभी धूप, कभी छांव चाहिए, ए हम लोग, बड़े अजीब हैं, जो है, बस वही नहीं चाहिए, आँख खोलिए, रोज... हमारे लिए, एक नई सुबह है, अब चहकने के लिए, और क्या चाहिए.. ©️rajhansraju **************** (3) अछूत तुम कैसे हो, मै कैसा हूँ. जीवन का रंग क्यों ऐसा है, सबका रंग सबकी जात, कहती है कुछ ऐसी बात, जीवन पथ पर पर, चलते साथ, दूर रह जाते क्यों हाथ, एक स्पर्श की होती चाह, पर रंग जात आती है राह, एक राह पर चलते जाते, दूर कदम, मिल न पाते, मै जीतूंगा, मै बड़ा हूँ, चाहे तन्हा ही खड़ा हूँ, न बढ़े कदम, न बढ़े हाथ, तन्हा कोई नहीं साथ, जात रंग का भेद न छूटा, अहंकार क्यों न टूटा, मानके तुमको ...