Kaal Chakr
काल चक्र ******** अतीत, वर्तमान को देखकर दुखी है, वह क्यों भविष्य के सपनों में खोया है . वक्त के हर लम्हे की यही कहानी है, वह आज से खुश नहीं, उसके यादों और सपनों में, कल से कल तक की दूरी समाई है. आज हर पल साथ होता है, अतीत और आगे की सिर्फ बातें हैं , वक्त फासलों को, लम्हों में तय करता है, धीरे-धीरे सब बदल जाता है, हम कुछ नहीं समझ पाते. यह आज जो कभी कल था, बीता हुआ कल बन जाता है, कहने सुनाने की बातें हैं, यादों में रह जायेंगी. कल, आज, कल में जो होना है, एक पल में हो जाता है , आदमी अफ़सोस करता, सोचता रह जाता है. वक्त शदियों का फासला, पल-पल में तय कर जाता है .. ©️rajhansraju *************************