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Be-Shabd

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बे-शब्द  ******** बहुत देर तक बोलता रहा ,   सुनता रहा , शब्दों के सहारे ,   न जाने ,   कितने अर्थ गढ़ता रहा , इनकी कारीगरी ,   बडी‌ बारीकी से ,   सब कहती रही , इस कहने सुनने का ,  शोर होने लगा , अब सुनने को,  कोई तैयार नहीं था , हर जगह,  कहने का सिलसिला,  चलता रहा , ऐसे में शब्द,  बिना अर्थ लगने लगे , पर बिना अर्थ के शब्द ? या फिर शब्दों के बिना ही ? हाँ ! जब वह खामोशी , हमारे बीच आयी थी , उस वक़्त....... शायद!  हमने एक दूसरे का , अर्थ , समझा था ©️rajhansraju  ********* ********************* (2) ****** ⬇️⬇️पुराने पन्ने पर नई बातें ⬇️⬇️ *******  "जय सियाराम"   *********** रावण का पुतला,  हर साल जलाते रहे ,   पिछली बार से,  और बडा‌ बनाते रहे , अब तो चारों तरफ,  उसकी फौज दिखती है ,   उसे ही देखने को भीड़ जुटती है , उसी की वैल्यू है ,   वह अनोखा है ,   सोचो किसी और के,  दस सीस देखा है , आज़ का सबसे बिकाऊ ,   कमाऊ ,  होनहार है ,   वही आदर्श है ,  उसी का सम्मान है , न मर्यादा चाहिए ,  न पुरूषोत

Afwah

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अफवाह  ******* किसी घर को तूने,  आज़ बेरंग कर दिया , मज़हब के नाम पर,  ए क्या हो गया ? इंसानियत को शर्मसार करके , कौन सा झंडा बुलंद हो गया ?   हाथ में शोले हो तो,  कब तक बचेगा ?   तूँ भी यतीम होगा,  तेरा भी घर जलेगा। वह घर,  जो तूँ जलाकर आया है , उसके शोले,  अब भी वहाँ कायम है , वही नफरत,  अब वहाँ से उठेगी , वैसे भी चिंगारियों को,  शोला बनने के लिए , एक अफवाह ही काफी है .. #rajhansraju  *********************** (2) उम्मीद  ********** अपनी सियासत,  थोडी सी बंद कर दो , हमें संभलना आता है ,   एक मौका तो दो , हमारा पडोसी ,   अब भी हमारे साथ है , क्या करे वह भी ,   थोडा डरा ,  परेशान है , उसका भी घर है ,   परिवार है , जब उसने ,   पीछे से रुक जाने को कहा , मुझे लगा हमारे बीच , अब भी भरोसा बरकरार है #rajhansraju  ********************* (३) चाहत ****** चढ़ते-चमकते, सूरज की चाहत में जीता है, जबकि वह तो,  आगमन-प्रस्थान का मतलब, बताता है,  अंधेरे से घबराना कैसा,  सुबह को फिर आना है,  खुद को देखना है,  उजाले को समझना है,