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Aahat

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आहट ****** * आवाज़ आहट की उसके, कुछ इस तरह आती है, हवा चुप-चाप छूकर गुज़र जाती है। उसके होने की तमाम निशानियाँ, बिखर जाती हैं, वह ख़ामोशी से जब कहीं से गुज़र जाती है, उसकी खुशबू अब तक यहाँ कायम है, तितलियाँ आकर यही बताती हैं, चिड़ियों ने चहचहाकर जो गीत गाया है, उसकी धुन से यह राग आया है, बंद आँखों से जो दुनिया दिखाई देती है, उसकी चाहत है, हर तरफ, एक आहट सुनाई देती है। rajhansraju  ***********************   (2) Tsunami  पल में ही,  ख़त्म हो गया सब कुछ , चिता जलाने को भी,  कम पड़ गए लोग । दफ़नाने को भी,  कहीं नहीं कोई , सारे पहचान,  हो गए ख़त्म । बस एक ही नाम मृत,  लाश बन गए सब लोग, जीवन कितना छडिक,  हर कोई भाग रहा है, कोई जीवन के लिए,  तो कोई म्रत्यु के डर से। पर ! सभी नाकाम, एक सा ही अंजाम, कोई इस पल,  तो कोई उस पल , इसी मिट्टी में मिल गया, बिना किसी नाम,  बिना किसी पहचान के, कुछ लोगों को,  न मिट्टी मिली,  न आग, वह काम आए,.  परिंदों के rajhansraju ******************* (3) बंधन क्या कहीं कोई आज़ाद है? सब कुछ एक नियम से

Bachpan

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बचपन  ************** जब बड़े हो जाएंगे ए हसीन पल,  बहुत याद आएंगे।  हर शख़्स ने,  अपने किसी कोने में,  बहुत से खूबसूरत, लम्हों को सहेज रखा है, इनको देखकर, अपने किस्से कहता है, किसी से भी, उसकी ख्वाहिश, पूछकर देखे,  वह आज भी, बचपन,  वापस चाहता है ©️rajhansraju ************************** इन छुट्टियों में ********* इस बार की छुट्टियों में, एक छोटा सा पुल बनाते हैं, थोड़ा सा गाँव,  इस तरफ ले आते हैं, वैसे यहाँ फुर्सत किसे है? शहर को बहुत जल्दी है, वो तो पूरा, गाँव निगल जाता है,  शहर की रफ्तार,  कुछ ऐसी है,  इसके साथ चलने वाले,  किसी को भी,  पता नहीं चलता,  कब वह इसकी,  चकाचौंध का हो गया,  हलांकि! गांव से आए,  हर आदमी में,  उसका थोड़ा सा गांव,  बचा रहता है,  जिसकी तलाश में वह,  जब भी किसी बड़ी,  सड़क से गुजरता है,  उसे ढूंढता है,  अब शायद!  वो वैसा न मिले,   जिसे हम छोड़कर गए थे,  चलिए एक काम करते हैं,  खुद को बचाते हैं,  किसी पगडंडी के किनारे,  कोई एक पेड़ लगाते हैं।  वो खूबसूरत पंख,  कैसे हर आँख में बस जाते